कोविद-19 : भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह पीएम मोदी की गलत नीतियां: विदेशी मीडिया

COVID-19 In India: भारत में कोरोना वायरस (Covid-19) की दूसरी लहर का प्रकोप चल रहा है हर रोज़ तीन लाख से ज़्यादा कोरोना संक्रमित मामले आ रहे हैं दवाओं के साथ साथ वैक्सीन और ऑक्सीजन की कमी हो गई है जिस वजह से भारत की केंद्र सरकार की पूरी दुनिया में किरकिरी हो रही है कोरोना वायरस की दूसरी ख़तरनाक लहर ने पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को तार-तार करके रख दिया है।

द गार्डियन के अनुसार फॉरेन प्रेस ने पीएम मोदी को ख़लनायक लिखते हुए कहा है कि पीएम मोदी अपनी गलत नीतियों की वजह से खलनायक में तब्दील हो चुके है। दुनिया के लीडिंग अखबारों का कहना है कि मोदी ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि कोरोना को वह परास्त कर चुके हैं, पर वो गलत था।

फॉरेन प्रेस ने लिखा कि कोरोना की पहली लहर समय पीएम मोदी ने देश में लॉकडाउन लगाकर वायरस को काफी हद तक कंट्रोल कर लिया था लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में उन्होंने देश को कही का नहीं छोड़ा । आज भारत के अस्पतालों की हालत ये है कि वहां अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है दवाओं और वैक्सीन की शॉर्टेज है ।

The Guardian ने अपनी मेन स्टोरी में जो फोटो लगाया है उसमें शमशान में जल रही चिता की ऊंची लपटों को दिखाया गया है। और हेडिंग में लिखा -“The system has collapsed: India’s descent into Covid hell,”।

The Times London ने भी पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए और भारत सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए लिखा- रोजाना तीन लाख से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। सरकार ने हालात की गंभीरता को नजरंदाज किया। जिसके चलते इतनी बड़ी समस्या खड़ी हुई। ये वाकई बेहद गंभीर हालात हैं।

ग्लोबल प्रेस के निशाने पर इससे कोरोना के मामले पर ब्राजील होता था, लेकिन भारत में कोरोना से बिगड़े हालत के बाद अब गलोबल प्रेस के पत्रकारों ने अपना क़लम भारत की तरफ मोड़ दिया है और मोदी सरकार की बखिया उधेड़ रही है।

ग्लोबल प्रेस का कहना है कि सरकार की नासमझी की वजह से भारत में इस तरह की खतरनाक स्थिति पैदा हुई है। हिंदू नाराज न हो इसके लिए कुंभ जैसे मेले का आयोजन किया गया तो बंगाल चुनाव में मोदी ताबड़तोड़ रैली करते रहे। इससे हालात काबू से बाहर गए। अखबारों ने अपने मेन पेज पर कुंभ मेले से जुड़े फोटो भी प्रकाशित किए हैं, जिनमें लोग बगैर मास्क के हैं।

The Times ने लिखा कि कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार ने सरकार की नाकामी को ज़ाहिर कर दिया और ये भी साबित कर दिया कि पीएम मोदी ने 2020 की गलतियों से कोई सबक न लेकर इस साल भी कुंभ मेले की इजाज़त देकर और बंगाल और दूसरे राज्यों में रैलियां करके बड़ी गलतियां की है। आज भारत के लोग बेहद ख़तरनाक संकट का सामना कर रहे हैं। देश औंधे मुंह गिर चुका है।

बता दें कि The टाइम्स अखबार ने बंगाल रैली को लेकर मोदी पर निशाना साधा। रैलियों में मास्क के बगैर लोग थे, लेकिन पीएम कह रहे थे- मैने अपने जीवन में इतनी भीड़ नहीं देखी, जहां तक नजर है वहां तक लोग हैं।

The Financial Times को तीखे तेवरों के लिए नहीं जाना जाता, लेकिन उसने भी मोदी सरकार के परखच्चे उड़ाने में कसर नहीं छोड़ी।

The Washington ने अपनी स्टोरी में यूपी के कब्रिस्तानों का हवाई चित्र दिखाते हुए लिखता है कि ये लहर नहीं बल्कि एक दीवार है। 24-7 लाशों का संस्कार हो रहा है पर इसके बाद भी शमशानों में जगह नहीं बची है। स्टोरी में सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए लिखा- सरकार ने वैक्सीनेशन बहुत धीरे किया और प्रतिबंध पूरी तरह से हटा दिए। इससे हालात बिगड़े।

The New York Times ने भी मोदी को खलनायक बताते हुए नासिक की घटना के बारे में लिखा “मीडिया ने पहली लहर में मोदी का महिमामंडन किया। अब वैश्विक स्तर पर बन चुकी धारणा को गलत साबित करने के लिए पीआर एजेंसीज को खासी मेहनत करनी होगी।”

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