राजस्थान में कांग्रेस विधायक, विधानसभा में पूरी रात धरने पर बैठे

राजस्थान में कांग्रेस विधायक, विधानसभा में पूरी रात धरने पर बैठे

राजस्थान विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के संबंध में अशोभनीय टिप्पणी और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर 6 विधायकों को निलंबित करने के विरोध में कांग्रेस के विधायक रात भर विधानसभा में धरने पर बैठे रहे। इसके साथ ही, राज्य भर में जिला प्रमुख कार्यालयों में भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।

विधानसभा के अंदर कांग्रेस का धरना
याद रहे कि शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान राज्य के मंत्री ओमनाथ गहलोत ने कांग्रेस के विधायक रफीक खान के एक सवाल का जवाब देते हुए इंदिरा गांधी के लिए “आपकी दादी” शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसे कांग्रेस ने अपमानजनक और अशोभनीय बताते हुए मंत्री से माफी मांगने की मांग की। सरकार के टस से मस न होने पर विधायकों ने विरोध और तेज कर दिया, जिसके बाद कम से कम 6 विधायकों को निलंबित कर दिया गया।

विधानसभा में विपक्ष के नेता टीका राम जूली ने बताया कि विधायकों ने शुक्रवार की रात विधानसभा में बिताई। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि विरोध प्रदर्शन खत्म कराने के लिए 3 विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत की, लेकिन यह बातचीत नाकाम रही।

मंत्री अपना बयान वापस लें
कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि, वह अपनी इस मांग पर अटल है कि मंत्री अपना बयान वापस लें। टीका राम के मुताबिक, “हमारी मांग है कि मंत्री अपना बयान वापस लें। इस बात की मिसाल मौजूद है कि विधानसभा की कार्यवाही से शब्दों को हटाया गया है। लेकिन सरकार शायद खुद नहीं चाहती कि कार्यवाही चले, इसलिए उसने विवाद खड़ा कर रखा है।” उन्होंने बताया कि शुक्रवार को कांग्रेस के 6 विधायकों को निलंबित करने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई, लेकिन पार्टी के विधायक सदन में ही धरना दे रहे हैं।

शुक्रवार को क्या हुआ था?
शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय मंत्री ओमनाथ गहलोत ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा था, “2022-23 के बजट में भी आपने हमेशा की तरह इस योजना को अपनी दादी से जोड़ दिया था।” इस टिप्पणी पर सदन में हंगामा शुरू हो गया और एक के बाद एक तीन बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस के कुछ विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूर कर लिया गया।

जिन विधायकों को निलंबित किया गया है, उनमें गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन, हकीम अली और संजय कुमार शामिल हैं। उनके निलंबन का प्रस्ताव पास होने के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद कांग्रेस के विधायक सदन में ही धरने पर बैठ गए और पूरी रात वहीं बिताई।

जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन
इसके साथ ही शनिवार को कांग्रेस की जिला इकाइयों ने जिला कलेक्टर के कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कांग्रेस के विधायकों का निलंबन वापस लेने और मंत्री से माफी मांगने की मांग की। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि हर जिले में कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन किया गया। उन्होंने बताया कि “हर जिले में मंत्री से माफी मांगने और निलंबित विधायकों की बहाली की मांग करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।”

स्पष्ट है कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस की मांगों को मानने से साफ इनकार कर दिया है। यह स्पष्ट नहीं है कि विधानसभा के अंदर कांग्रेस के विधायकों का यह विरोध प्रदर्शन सोमवार सुबह तक जारी रहेगा या इससे पहले इसे खत्म कराने में राज्य सरकार सफल हो जाएगी। इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने पिछले एक साल में कोई काम नहीं किया है, जनता के सामने उसके पास पेश करने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए वह इस तरह के विवाद खड़े करने की कोशिश करती है।

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