बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा पर कांग्रेस ममता सरकार से नाराज़
मुर्शिदाबाद जिले में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या के एक दिन बाद पंचायत चुनाव को लेकर तनाव बढ़ गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि हत्या के पीछे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस है। मारे गए कांग्रेस कार्यकर्ता फूलचंद शेख के परिवार का आरोप है कि टीएमसी के गुंडों ने शुक्रवार 9 जून को रतनपुर गांव में शेख पर हमला किया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि शेख को शुक्रवार को खारग्राम में प्वाइंट ब्लैंक गोली मार दी गई थी, जिससे खारग्राम में उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट संकेत है कि टीएमसी बाहुबल का इस्तेमाल कर पंचायत चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। अगर टीएमसी गोलियों से जीतना चाहती है तो बैलेट का क्या फायदा।”
बंगाल में इन दिनों पंचायत चुनाव चल रहा है। कल शुक्रवार को मुर्शिदाबाद में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या के बाद आज शनिवार को कांग्रेस ने राज्यभर में प्रदर्शन किया और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की।
राज्य में नामांकन भरने के दौरान आज शनिवार को टीएमसी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में सीधे टकराव हुआ है। राज्यपाल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को बातचीत के लिए तलब किया है। कांग्रेस के कड़े स्टैंड को देखते हुए इसका असर 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी एकता रैली पर पड़ सकता है।
हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पटना बैठक में जाने का ऐलान पहले ही कर दिया था लेकिन अब नए हालात में वो अपना स्टैंड बदल सकती हैं। वो बंगाल में अपनी पकड़ कमजोर करने की कीमत पर विपक्षी एकता पर जोर नहीं देना चाहेंगी।
उल्लेखनीय है कि आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के पहले दिन ही शेख की हत्या कर दी गई। मुर्शिदाबाद जिला कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि शेख को छह गोलियां लगीं। उन्होंने दावा किया कि दो घायल व्यक्ति भी कांग्रेस कार्यकर्ता थे। टीएमसी के स्थानीय नेताओं ने दावा किया कि हत्या के पीछे निजी रंजिश है और कांग्रेस इसमें राजनीतिक रंग डालने की कोशिश कर रही है।