फडणवीस के ‘वोट जिहाद’ के बयान पर कांग्रेस नाराज
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा ‘वोट जिहाद’ का बयान दिए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने उनकी कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर होते हुए भी एक समाज को निशाना बनाने पर फडणवीस को इस्तीफा देना चाहिए।
यह ध्यान देने योग्य है कि लोकसभा चुनावों में लोकतंत्र समर्थक जनता, अल्पसंख्यक समुदाय और विशेष रूप से मुसलमानों ने एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ वोट किया था, जिससे उसे महाराष्ट्र में करारी शिकस्त मिली थी।बीजेपी अभी भी उस हार का दर्द नहीं भूल पाई है। लोकसभा चुनावों में महा विकास आघाड़ी के उम्मीदवारों को मिले बहुमत के कारण बीजेपी, जिसने महाराष्ट्र से पिछले लोकसभा चुनाव में 23 सांसदों को चुना था, इस बार केवल 9 सांसदों पर सिमट गई। बीजेपी के इन्हीं विरोधी वोटों को देवेंद्र फडणवीस ‘वोट जिहाद’ करार दे रहे हैं।
फडणवीस ने कोल्हापुर में क्या कहा था?
याद रहे कि दो दिन पहले कोल्हापुर में एक कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला बयान दिया था और बीजेपी के खिलाफ दिए गए वोटों को ‘वोट जिहाद’ का नाम दिया। उन्होंने कहा था कि, “लोकसभा चुनाव में ‘वोट जिहाद’ दिखाई दिया। धुले और मालेगांव लोकसभा क्षेत्रों में महायुति का उम्मीदवार 6 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 में बढ़त के बावजूद मालेगांव में 1,90,000 एकतरफा वोट पड़ने के कारण 4,000 वोटों से हार गया। लोगों में यह विश्वास बढ़ रहा है कि संगठित रूप से वोट देकर हिंदुत्ववादियों को हराया जा सकता है।” उन्होंने यह भी कहा था कि “लोकसभा की 48 सीटों में से 14 पर ‘वोट जिहाद’ हुआ है।”
उपमुख्यमंत्री पद पर होने के बावजूद एक समाज के खिलाफ बोलना असंवैधानिक
फडणवीस के इस बयान पर कड़ा रुख अपनाते हुए कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, “देवेंद्र फडणवीस राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री भी हैं। ऐसे संवैधानिक पद पर होते हुए किसी विशेष समाज को निशाना बनाना और उसे बुरा-भला कहना संविधान के खिलाफ है। इसलिए हमारा यह मांग है कि देवेंद्र फडणवीस को जनता से माफी मांगनी चाहिए और अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।”
बिना सांप्रदायिकता के उन्हें वोट नहीं मिलेंगे
इस संबंध में विधानसभा के विपक्षी नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, “बीजेपी को जिहाद, हिंदू/मुसलमान, भारत/पाकिस्तान, मंदिर और मस्जिद का इस्तेमाल करते हुए सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले बयान देना पड़ते हैं, बिना इसके उन्हें वोट नहीं मिलेंगे। अगर वे इस तरह की उकसावे की बातें नहीं करेंगे, तो उनके उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो जाएगी।”
विपक्षी नेता ने मुसलमानों की प्रशंसा की कि उन्होंने धैर्य से काम लिया और उकसावे की साजिश को नाकाम कर दिया। विजय वडेट्टीवार ने आश्वासन दिया कि अल्पसंख्यक समुदाय केवल दो महीने और धैर्य रखे, इसके बाद महाविकास आघाड़ी की सरकार निश्चित रूप से बनेगी और सांप्रदायिक ताकतों को उनकी जगह दिखाई जाएगी।