भारतीय सीमा पर बसे तिब्बती गांव में चीन की कुटिल चाल

भारतीय सीमा पर बसे तिब्बती गांव में चीन की कुटिल चाल

चीन ने भारतीय सीमा के नजदीक बसे तिब्बत के गांव में सैन्य तैनाती करते हुए अपने कुटिल इरादों की झलक दे दी है।

भारतीय सीमा के नजदीक बसे तिब्बत के एक गांव में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की हैरान कर देने वाली गतिविधि सामने आ रही है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीन सेना अपने बुनियादी ढांचे और निर्माण तथा उसके रखरखाव के लिए गांव वासियों की मदद कर रही है।

चीन विवादित सीमा के आसपास ऐसे आवास तैयार करने पर जोर दे रहा है जिसे समय पड़ने पर सैन्य इस्तेमाल के लिए भी काम में लिया जा सके। नागरिक संसाधनों को सैन्य संसाधन के रूप में इस्तेमाल करने की योजना के अंतर्गत चीन तिब्बत के स्थानीय नागरिकों को चीनी पकवान बनाने के नाम पर यहां सेना के रसोइयों को तैनात कर रहा है। यह काम भारत की सीमा के नजदीक स्थित तिब्बती गांव में जोर-शोर से जारी है।

अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी जिले सुबनसिरी से केवल कुछ किलोमीटर दूर स्थित सीमावर्ती गांव यूमई पर चीनी सेना का विशेष ध्यान है। यूमई गांव तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शन्नान में स्थित है। यह इलाका भूटान और भारत की सीमा से लगता है। 2017 में यह गांव उस समय खूब सुर्खियों में आया था जब चीन के राष्ट्रपति ने तिब्बती चरवाहों के एक परिवार को खत लिखा था।

शी जिनपिंग ने अपने पत्र में उम्मीद जताई थी कि वह अधिक चरवाहों को गलसांग फ्लॉवर की तरह सीमावर्ती क्षेत्र में रहने और चीनी क्षेत्र का संरक्षक बनने के लिए प्रेरित करेंगे। कहा जाता है कि कुछ दशक पहले तक इस गांव में सिर्फ एक ही परिवार था लेकिन अब इस गांव में दर्जनों परिवार बसते हैं।

इस गांव में हाल ही में एक सड़क का उद्घाटन किया गया है। यहां पर पुलिस स्टेशन और स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों तथा अन्य सार्वजनिक सेवा संस्थान और यूनिट्स का निर्माण तेजी से किया जा रहा है ताकि यहां और अधिक लोगों को बसाया जा सके। इस रिपोर्ट में हालांकि इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया गया है कि इस गांव में अधिक लोग क्यों जा रहे हैं।

चाइना डेली अखबार ने जिसे चीन सरकार नियंत्रित करती है, अगस्त 2021 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गांव में इस समय 200 निवासी हैं जबकि 1999 में यह 20 और 2009 में 30 थी। भारतीय सीमा के निकट बसे इस गांव में वर्तमान समय में 67 परिवारों के 200 से अधिक लोग रह रहे हैं। यहां रहने वाले ग्रामीण बारी-बारी से सीमा पर गश्त करते हैं। इस गांव को एक सुंदर जगह के रूप में मान्यता मिल चुकी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles