मुज़फ़्फ़रनगर दंगा मामले में कई नेताओं के खिलाफ आरोप तय
राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, साध्वी प्राची और सुरेश राणा सहित एक दर्जन से अधिक बीजेपी नेताओं पर मुज़फ़्फ़रनगर में सांप्रदायिक दंगा भड़काने के आरोप लगाए गए हैं। गौरतलब है कि 2013 में जिले में हुए नगला मंदौर की हिंदू महापंचायत को लेकर अदालत ने कई वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए हैं।
सिविल जज सीनियर डिवीजन देवेंद्र फौजदार ने शनिवार को 2013 में नगला मंदौर में आयोजित हिंदू महापंचायत में शामिल कई नेताओं के खिलाफ आरोपों की सुनवाई की।
इस मामले में अदालत ने राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, मुज़फ़्फ़रनगर लोकसभा सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व मंत्री संजीव बालियान, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व चेयरमैन श्याम पाल, पूर्व विधायक उमेश मलिक, पूर्व विधायक कुंवर भरतेंदु सिंह, पूर्व सांसद सोहन वीर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री अशोक कटारिया, पूर्व विधायक अशोक कंसल, बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष यशपाल पवार, आचार्य नरसिंहानंद यति महाराज और साध्वी प्राची आदि के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इन सभी के खिलाफ सांप्रदायिक दंगा भड़काने के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा।
गौरतलब है कि 31 अगस्त 2013 को नगला मंदौर इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित हिंदू महापंचायत के मामले में उस समय के एडीएम प्रशासन ने 21 आरोपियों के खिलाफ धारा 188 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। इस महापंचायत को ही मुज़फ़्फ़रनगर दंगों का कारण बताया जाता है। इस केस के बारे में जानकारी देते हुए एडवोकेट श्याम वीर सिंह ने बताया कि इस मामले में 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से एक की मौत हो चुकी है जबकि एक को केस से अलग कर दिया गया है। इस केस की अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी।