संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल, हालात तनावपूर्ण
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हंगामा मच गया। हालात यह हो गए कि पुलिस फोर्स को आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ लाठीचार्ज भी करना पड़ा। पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी मौके पर हैं। हिंसक झड़प तब हुई जब एक सर्वे टीम मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुँची। एक शिकायत पर अदालत के आदेश के बाद टीम सर्वे करने पहुँची थी। शिकायत में दावा किया गया है कि संरचना मूल रूप से एक मंदिर थी।
यहां पर हिंदू पक्ष दावा कर रहा है कि यह जामा मस्जिद नहीं, बल्कि हरिहर मंदिर है। इसको लेकर कोर्ट में याचिका लगी, जिसपर सुनवाई का आदेश दिया गया। आज रविवार की सुबह साढ़े 7 बजे से यहां सर्वे किया जाना था। सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर की गई शिकायत में दावा किया गया है कि मस्जिद के स्थान पर कभी हरिहर मंदिर नामक मंदिर हुआ करता था और मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था।
रविवार को जब सर्वेक्षण दल पहुंचा तो इस कदम का विरोध करने के लिए सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी शाही जामा मस्जिद के पास जुटे। इसी बीच धक्का मुक्की शुरू हो गयी। झड़प के बाद पथराव की घटना हुई। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। फिलहाल संभल में हालात तनावपूर्ण हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार आक्रोशित भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
इससे पहले संभल की उप जिलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने बताया कि संभल के एसपी सांसद जिया उर रहमान वर्क के पिता ममलुकुर रहमान वर्क सहित 34 लोगों को पाबंद किया गया है। स्थानीय प्रशासन किसी व्यक्ति को पाबंद करने का आदेश दे सकता है, अगर उसे सूचना मिलती है कि वह व्यक्ति शांति भंग कर सकता है, सार्वजनिक सौहार्द को खतरा पहुंचा सकता है या कोई गलत काम कर सकता है।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर का दावा पेश होने के बाद पुलिस प्रशासन ने शहर में चौकसी और बढ़ा दी है। मस्जिद के आसपास और उस ओर जाने वाले रास्तों पर नाकेबंदी कर दी गई। कुछ दिन पहले ही एसडीएम और सीओ ने सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। मंगलवार को जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किया गया था। इसके बाद न्यायालय ने सर्वे का आदेश दिया और उसी दिन वीडियोग्राफी कराई गई और पुलिस के साथ ही पीएसी और आरआरएफ के जवानों को तैनात कर दिया गया था।