असंतुष्ट होने के कारण CBI, बेल का विरोध नहीं कर सकती: लालू
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें चारा घोटाले से संबंधित डोरंडा कोषागार मामले में उन्हें दी गई जमानत रद्द करने की मांग की गई है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में लालू यादव ने कहा कि उनकी सजा को निलंबित करने के झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को सिर्फ इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि सीबीआई असंतुष्ट है। अपने जवाब में लालू यादव ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह सामान्य सिद्धांतों और समान नियमों पर आधारित है।15 फरवरी 2022 को रांची की सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में लालू यादव को दोषी करार दिया था।
इस मामले की सुनवाई देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ 25 अगस्त को करेगी। दरअसल चारा घोटाले से संबंधित डोरंडा कोषागार मामले में झारखंड उच्च न्यायालय की ओर से लालू यादव को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग को लेकर सीबीआई ने याचिका डाली थी।
पिछले साल 22 अप्रैल को झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में लालू यादव को जमानत दे दी थी। पूर्व रेल मंत्री को डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये से अधिक के गबन के मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने पांच साल जेल की सजा सुनाई और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।