कनाडा इस समय भारत के लिए बड़ी समस्या है: जयशंकर
भारत और कनाडा के राजनयिक संबंध बहुत खराब हो गए हैं। दोनों देश एक दूसरे पर खुल कर इल्जाम लगा रहे हैं। इन देशों के राजनयिक रिश्ते इतने खराब हो चुके हैं कि दोनों देशों ने एक दूसरे के दूतावासों के खिलाफ कार्रवाई भी की है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार (5, मई) को जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडा सरकार की आलोचना की। उन्होंने संगठित अपराध से जुड़े लोगों के लिए कनाडा की ओर से वीजा जारी करने को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ‘अतिवाद, अलगाववाद और हिंसा के पैरोकारों को वैधता दे रहा है। उन्होंने कहा कि कनाडा इस समय भारत के लिए बड़ी समस्या है।
हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, खालिस्तान आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित रूप से शामिल तीन भारतीय नागरिकों की गिरफ्तार पर भी जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी। एस जयशंकर ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो का देश सोचता है कि अपराधियों को बढ़ावा देने की उसकी हरकतों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी।
भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने यह बात कही। दरअसल, कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में शुक्रवार को 3 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया था। कनाडा की पुलिस ने आशंका जताई थी कि भारत ने इन लोगों को निज्जर को मारने का काम सौंपा था।
विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा में भारत के खिलाफ काम करने वाले लोगों को पनाह दी जाती है। खासकर जो लोग पंजाब से हैं, वे कनाडा से ऑपरेट करते हैं। खालिस्तान समर्थक लोग कनाडा के लोकतंत्र का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। वे आज कनाडा का वोट बैंक बन गए हैं। कनाडा में सत्ताधारी पार्टी के पास संसद में बहुमत नहीं है। ऐसे में कई पार्टियां सत्ता में आने के लिए खालिस्तानी समर्थकों पर निर्भर हैं।
उधर, नेपाल के 100 रुपए के नए नोट में भारत के 3 इलाके लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को नेपाली मैप में दर्शाया गया है। इस पर जयशंकर ने कहा- “नेपाल के साथ बॉर्डर मामलों को लेकर हमारी चर्चा चल रही है। इस बीच नेपाल द्वारा उठाया गया यह कदम एकतरफा है। इससे जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी।”
चीन के साथ रिश्तों पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा, “पिछले 4 साल में चीन ने LAC पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है। उन्होंने भारत पर दबाव बनाया है। काउंटर करने के लिए भारत के भी हजारों सैनिकों को वहां तैनात किया गया है। LAC पर तनाव को लेकर मैंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से कहा था कि बॉर्डर पर लड़ाई और भारत से बिजनेस साथ-साथ नहीं हो सकते हैं। बॉर्डर पर तनाव का असर दोनों देश के रिश्तों पर पड़ेगा।”
विदेश मंत्री ने कहा, “भारत और चीन के बीच 1962 की जंग के बाद कुछ समझौते हुए थे, लेकिन चीन ने 2020 में LAC पर इसका उल्लंघन किया था। चाहे पाकिस्तान का आतंकवाद का मुद्दा हो या चाहे चीन से बॉर्डर पर दबाव की बात हो, नेशनल सिक्योरिटी को लेकर मोदी सरकार कभी समझौता नहीं करेगी।”