बसपा किसी के साथ भी गठबंधन कर सकती है: मायावती का इशारा
लखनऊ: अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच होता दिख रहा है, जिसमें 26 विपक्षी दल शामिल हैं। अब तक दोनों से दूरी बनाए रखने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मंगलवार को संकेत दिया कि वह चुनाव बाद दोनों गठबंधनों में से किसी एक के साथ गठबंधन के लिए अपने दरवाजे खुले रखेगी।
नई दिल्ली में अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सरकार में शामिल होने का फैसला चार राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के बाद लिया जाएगा। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के अनुसार, वह सत्ता में शक्ति संतुलन और अल्पसंख्यकों, दलितों और समाज के पिछड़े वर्गों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करेंगी।
मायावती ने कहा कि पिछड़े वर्ग और मुसलमानों की भलाई के लिए जरूरी है कि एक मजबूत और अहंकारी सरकार के बजाय जनता के कल्याण के लिए काम करने वाली गठबंधन सरकार सत्ता में आए।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी और किसी से गठबंधन नहीं करेगी। अब उन्होंने कहा है कि बसपा सत्ता में शक्ति संतुलन सुनिश्चित करेगी। कल के बयान से साफ है कि बसपा ने गठबंधन के लिए सभी दरवाजे खुले रखे हैं।
इससे पहले 23 जून को पटना में हुई (INDIA)गठबंधन की मीटिंग से बसपा ने दूरी बनाई थी, यहां तक कि बेंगलूरु मीटिंग में भी पार्टी शामिल नहीं हुई थी वहीं दिल्ली में (NDA) की मीटिंग में भी बसपा का कोई नेता शामिल नहीं हुआ था। लेकिन शायद मौजूदा स्थिति को देखते हुए बसपा ने अपनी रणनीति बदल ली है, लेकिन अपने पत्ते खोलने से पहले वह सियासी हवा का रुख़ समझने के लिए राजस्थान,मध्यप्रदेश, और छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजे का इंतज़ार कर रही है।