भाजपा (BJP) और उसके मंत्री हमेशा ये दावा करते हैं कि मोदी सरकार में भारत भ्रष्टाचार से मुक्त हो रहा हैं लेकिन अगर ज़मीनी स्तर पर देखे तो भाजपा अपने नेताओं को ही भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने में नाकाम नज़र आ रही है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर घूसखोरी के आरोप में केस दर्ज किए जाने के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री कपिलदेव अग्रवाल के भाई के खिलाफ़ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल के भाई ललित अग्रवाल के ख़िलाफ़ ये मुकदमा हज़रतगंज थाने में दर्ज किया गया है। इस मामले में ललित अग्रवाल सहित 5 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है।
आइये जानते हैं क्या है मामला
दरअसल, ललित अग्रवाल भारतीय एडवरटाइजिंग नाम की एक एजेंसी चलाते हैं और उनकी एजेंसी ने राजधानी लखनऊ समेत कई शहरों में ‘इन मोबाइल’ का एक होर्डिंग लगाया था। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया था। जबकि इन तस्वीरों को लगाने के लिए उन्होंने किसी से अनुमति नहीं ली थी।
होर्डिंग्स पर फोटो और फोन को इस तरह दर्शाया गया कि ये फोन सरकार की योजना है और पूरी तरह से स्वदेशी है। माना जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि कंपनी को ज़मीन और दूसरी सहूलियतें सरकार से सस्ती दर पर मिल सकें। फिलहाल पुलिस ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाकर लोगों को भ्रमित करने और इन मोबाइल के प्रमोशन करने के चलते ये ललित अग्रवाल सहित पांच लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर ली है।
बता दें कि इन ब्लॉक मोबाइल की लॉन्चिंग में ललित अग्रवाल के भाई और सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल भी पहुंचे थे। केवल कपिल देव अग्रवाल ही नहीं, बल्कि इस कार्यक्रम में राज्यमंत्री नीलिमा कटियार सुल्तानपुर के लंभुआ के विधायक देवमणि दिवेदी और लखनऊ से बीजेपी के विधायक नीरज वोरा भी शामिल थे। इससे कंपनी और बीजेपी नेताओं की करीबी का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इस मामले में कंपनी भी संदेह के घेरे में है।