आगामी चुनाव से पहले बीजेपी की हाई लेवल मीटिंग

आगामी चुनाव से पहले बीजेपी की हाई लेवल मीटिंग

आगामी चुनाव को लेकर भाजपा की हाई लेवल मीटिंग हुई। सोमवार रात 4 घंटे और मंगलवार सुबह 6 घंटे तक चली इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। संगठन में खाली पदों को भरने और कई पदाधिकारियों के विभाग बदलने की उम्मीद है। अमित शाह, जेपी नड्डा और बीएल संतोष की मौजूदगी में पार्टी ने अपनी कमजोरियों का जायजा लिया और राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन की संभावना पर विचार किया किया।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव और हिमाचल प्रदेश की शर्मनाक हार के बाद, भाजपा ने अपनी कमजोरियों का पता लगाने और इस साल के अंत में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश सहित 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की। 10 घंटे तक चली इस उच्च स्तरीय बैठक में आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी बातचीत हुई।

खबरों के मुताबिक, सोमवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने नवनिर्मित आवासीय सह कार्यालय परिसर में मुलाकात की, ताकि आगामी चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर संगठन को मजबूत किया जा सके। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के तीन शीर्ष नेताओं ने पार्टी की मजबूती और कमजोरी की समीक्षा कर उन्हें दूर करने पर चर्चा की।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में केंद्रीय संगठन में बदलाव पर विचार किया गया है. चुनाव को देखते हुए कुछ महत्वपूर्ण राज्यों के प्रदेश प्रभारियों में बदलाव की भी संभावना है। कुछ राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की भी बात सामने आई है। मुलाकातों का सिलसिला आने वाले दिनों में भी जारी रह सकता है।

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेता इस मामले में कोई बड़ा कदम उठाने से पहले RSS के नेताओं से भी मिल सकते हैं। इस बैठक में मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर जनसंचार अभियान की भी समीक्षा की गई। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी के सभी सांसदों और मंत्रियों को 9 साल पूरे होने पर दिए गए कार्यक्रमों और उनके क्रियान्वयन की भी समीक्षा की गई।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी अपनी ताकत का पुनर्मूल्यांकन करना चाहती है। एक तरफ़ वह कांग्रेस को उभरती शक्ति के रूप में देख रही है तो दूसरी ओर विपक्ष के बीच एकता की कोशिशों से भी टेंशन में हैं।

इसे देखते हुए उसने कई राज्यों में एकता के प्रयास शुरू कर दिए हैं। खबरों के मुताबिक आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम, कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर, पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और उत्तर प्रदेश में रालोद या ओम प्रकाश राजभर पार्टी को अपने पाले में लेना चाहती हैं। इसके लिए अमित शाह ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।

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