आठ साल तक चले नाबालिग रेप केस में बीजेपी विधायक को 25 साल की सजा
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र की एक एमपी-एमएलए अदालत ने शुक्रवार को दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को एक नाबालिग लड़की से नौ साल पहले बलात्कार करने के मामले में 25 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद उनकी विधायकी चली जाएगी।
कोर्ट ने सजा का ऐलान करते हुए दोषी विधायक पर 10 लाख 10 हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड ना दे सकने की स्थिति में विधायक को तीन वर्ष के अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी पड़ेगी। बता दें कि दुद्धी विधायक रामदुलार गौड़ ने 9 वर्ष पूर्व डरा-धमका कर नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। इस मामले में उनको दोषी पाया गया है।
पीड़ित पक्ष के मुताबिक 4 नवंबर 2014 को म्योरपुर थाने में दी तहरीर में एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि वह शाम को 7 बजे अपने घर पर था, तभी उसकी नाबालिग बहन रोती हुई आई। पूछने पर उसने बताया कि भईया मैं आपको मुंह दिखाने लायक नहीं बची हूं।
उसने बताया कि रामदुलार गोंड पुत्र रामधनी निवासी रासपहरी, थाना म्योरपुर, जिला सोनभद्र जो तत्कालीन प्रधानपति थे अब वर्तमान में भाजपा के दुद्धी विधायक हैं उसकी नाबालिग बहन के साथ पिछले एक वर्ष से लगातार जान मारने की धमकी देकर दुष्कर्म कर रहे थे। इस मामले में पुलिस ने रामदुलार के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था और विवेचना करने के बाद विवेचक ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी।
गोंड के विधायक निर्वाचित होने के बाद मामले की सुनवाई सांसद/विधायक (एमपी/एमएलए) अदालत में स्थानांतरित कर दी गई। खचाखच भरी अदालत में जब विधायक गोंड को सजा सुनाई गई तो उनकी गर्दन झुकी हुई थी और वह उदास थे। दूसरी तरफ पीड़िता के भाई ने अदालत के निर्णय पर संतोष जताते हुए कहा कि लंबे संघर्ष के बाद अंततः उन्हें न्याय मिला।
ज्ञात हो कि जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक कोई भी जनप्रतिनिधि को दो या उससे अधिक साल की कैद होने पर ‘दोषसिद्धि’ की तिथि से सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य माना जाएगा। इतना ही नहीं, सजा पूरी होने के बाद अगले छह साल के लिए वह सदन की सदस्यता के लिए पात्र नहीं होगा।