भाजपा न तो वास्तव में भारतीय है, और न ही जनता की पार्टी: उद्धव ठाकरे

भाजपा न तो वास्तव में भारतीय है, और न ही जनता की पार्टी: उद्धव ठाकरे

शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया उद्धव ठाकरे ने विजयादशमी के अवसर पर एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उनके भाषण में कुछ अलग देखने को मिला। दरअसल इससे पहले दिए गए भाषणों में उद्धव ठाकरे अपनी भाषण की शुरुआत मेरे देशवासियों और देशभक्त कहकर करते थे। लेकिन आज उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत यहां आए मेरे तमाम हिंदू भाईयों-बहनों से किया।

उद्धव ठाकरे ने संबोधन में कहा, “यहां आए मेरे हिंदू भाईयों और बहनों, मेरा सबकुछ छिन जाने के बाद भी आप मेरे साथ खड़े हैं। इसलिए उनकी कितनी भी पीढ़ियां आ जाएं, लेकिन मैं उनको गाड़ कर भगवा फहराउंगा।” उन्होंने कहा कि मेरे पिता के मौत के बाद रतन टाटा मेरे घर पर आए थे और कहा था कि हम दोनो की बड़ी विरासत है। बालासाहेब ने तुझे देखा है, कैसे तू मुश्किल समय में काम करता है। ये सब देखने के बाद ही बालासाहेब ने तुझे कमान सौंपी है, जो तुझे सही लगेगा वो करना।

उद्धव ठाकरे बीजेपी और आरएसएस पर भी जमकर बरसे। उन्होंने बीजेपी और आरएसस को ‘सत्ता जिहाद’ में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें किसी भी क़ीमत पर सत्ता चाहिए होती है। उद्धव ठाकरे द्वारा ‘सत्ता जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल भाजपा के ‘वोट जिहाद’ के आरोपों के जवाब में किया गया है। हाल में बीजेपी ने दावा किया है कि शिवसेना यूबीटी ने हाल के लोकसभा चुनावों में अल्पसंख्यकों का समर्थन हासिल किया है। उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में वापस आती है तो महाराष्ट्र के हर जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित मंदिर बनाए जाएंगे।

विधानसभा चुनावों से पहले शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अपनी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली के दौरान भाजपा और आरएसएस की आलोचना की। उन्होंने आरएसएस को पिछली सदी में हिंदुओं के लिए उसके योगदान पर विचार करने की चुनौती भी दी। उन्होंने सवाल किया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कथित ख़तरों के ख़िलाफ़ हिंदुओं से एकजुट होने का आग्रह क्यों किया?

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘आप (भागवत) कहते हैं कि हिंदू ख़तरे में हैं और उन्हें एकजुट होना चाहिए। विश्वगुरु (पीएम मोदी) पिछले 10 सालों से क्या कर रहे हैं? अगर आप हिंदुओं की रक्षा नहीं कर सकते तो आपको सत्ता में क्यों रहना चाहिए?’ उन्होंने आगे आरएसएस से अपने कार्यों पर आत्मनिरीक्षण करने के लिए ‘चिंतन शिविर’ आयोजित करने का आग्रह किया और सवाल किया कि क्या वह भाजपा की वर्तमान स्थिति को स्वीकार करता है। संघ के बारे में उन्होंने दावा किया कि वह अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है।

उद्धव ने कहा कि वह आरएसएस और भागवत का सम्मान करते हैं, लेकिन संगठन के कार्यों का नहीं। उन्होंने विभिन्न दलों के राजनीतिक नेताओं को शामिल करने के लिए भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा, “आज की भाजपा अटल बिहारी वाजपेयी के दौर की भाजपा से अलग है। उस समय इसमें शुद्धता थी, लेकिन आज की भाजपा ‘हाइब्रिड’ है, जिसने अन्य दलों के नेताओं को अपने में समाहित कर लिया है। उन्हें खुद को भारतीय जनता पार्टी कहने में शर्म आनी चाहिए, क्योंकि यह न तो वास्तव में भारतीय है और न ही जनता की पार्टी है।”

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