वसुंधरा राजे को कैंपेन कमेटी का मुखिया बना कर बग़ावत ख़त्म कर सकती है भाजपा
सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी आलाकमान जिस तरह से वसुंधरा राजे की अनदेखी कर रहा है। उससे पार्टी को नुकसान हो सकता है। बीजेपी ने 41 लोगों की पहली सूची जारी कर दी है। पहली सूची में वसुंधरा राजे समर्थकों के टिकट काट दिए दिए है। ऐसे में वसुंधरा राजे पर उनके समर्थकों का दबाव भी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ह कि वसुंधरा राजे से बड़ा राजस्थान बीजेपी में कोई नेता नहीं है। ऐसे में अगर वसुंधरा राजे की बीजेपी अनदेखी करती है तो सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए बीजेपी के रणनीतिकार वसुंधरा राजे को साधने के तरीके खोज रहे है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राजस्थान के नेताओं से संपर्क में और लगातार फीडबैक ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कार्यकर्ताओं ने साफ कह दिया है कि वसुंधरा राजे की अनदेखी चुनाव में भारी पड़ सकती है। कांग्रेस को कमत्तर नहीं आंकना चाहिए। अति आत्मविश्वास से पार्टी को नुकसान हो सकता है।
जेपी नड्डा कल जोधपुर के दौरे पर आ रहे हैं। हालांकि, वह मीटिंग में भाग लेने के बाद शाम को ही दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। लेकिन माना जा रहा है कि जेपी नड्डा चुनाव से पहले वसुंधरा राजे की नाराजगी दूर करना चाहते हैं। राजे के मनाने के लिए पार्टी तरीका खोज रही है
राजस्थान में नाराज चल रही वसुंधरा राजे को साधने से लिए बीजेपी तरीका खोज रही है। चर्चा है कि बीजेपी कर्नाटक फॉर्मूला अपना सकती है। तरह बीएस येदियुरप्पा को साधा गया था। वैसा ही प्रयोग राजस्थान में भी हो सकता है। पार्टी चाहती है कि राज्य में पार्टी की एकजुटता को लेकर कार्यकर्ताओं में संशय और लोगों के बीच सवाल नहीं उठे।
फिलहाल, पार्टी वसुंधरा को लेकर जिस कर्नाटक फॉर्मूले पर मंथन कर रही है। यदि वह सफल होता है तो राज्य में नेतृत्व के प्रश्न का समाधान निकल जाएगा। चर्चा है कि वसुंधरा राजे को कैंपेन कमेटी का मुखिया बना कर पार्टी सामूहिक नेतृत्व में लड़े। वसुंधरा राजे का पार्टी पूरा सम्मान रखेगी। कुछ ऐसा ही प्रय़ोग बीजेपी ने येदियुरप्पा को साधने के लिए किया था।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में वसुंधरा राजे की नई दिल्ली में संगठन महामंत्री बीएल संतोष, राज्य के प्रभारी महासचिव अरुण सिंह और अन्य नेताओं से बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, बैठक में कर्नाटक मॉडल पर विस्तार से चर्चा हुई। वसुंधरा आश्वस्त नजर आईं। राजे के समर्थक भी कर्नाटक माॅडल से खुश है।
एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राजे, प्रदेश-केंद्र का कोई भी नेता हो सबका लक्ष्य विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से जीत हासिल करना है। इसके लिए चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाए या नेता घोषित कर लड़ा जाए इसको लेकर अलग-अलग राय हो सकती है। प्रदेश प्रभारी एवं भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि राजे बड़ी नेता हैं। भाजपा हमेशा सामूहिक रूप से ही चुनाव लड़ती है और इस बार भी ऐसा ही होगा।


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