बिल्क़ीस बानो केस, सुप्रीम कोर्ट का मोदी सरकार और गुजरात को नोटिस
बिल्क़ीस बानों सामूहिक बलात्कार के अपराधियों को गुजरात सरकार द्वारा रिहा करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस भेजा है. बता दें कि गुजरात सरकार ने बिल्क़ीस बानों के साथ बलात्कार करने और उसके परिवार के कई लोगों की हत्या करने वाले अपराधियों को 15 अगस्त को माफ़ी देते हुए आज़ाद कर दिया था. गुजरता सरकार के इस फैसले की देश और दुनियाभर में खूब आलोचना हुई.
अपराधियों की हवस और उनके क़त्ले आम का शिकार बिल्क़ीस बानो ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
बता दें कि गुजरात में तीन मार्च 2002 हुए दंगे के दौरान अपराधियों ने दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के घर इ घुस कर बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. इन अपराधियों ने सिर्फ यही नहीं बल्कि बिलकिस के परिवार के 7 लोगों की हत्या भी कर दी थी, जिन्हे गुजरात सरकार ने 15 अगस्त को आज़ादी दे दी थी.
इन क्रूर हत्यारों और बलात्कारियों को मुंबई में सीबीआइ की एक विशेष अदालत ने 21 जनवरी 2008 को सामूहिक दुष्कर्म और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
भाजपा सरकार द्वारा बलात्कारी एवं हत्यारों को इस तरह आज़ाद करने पर दुनिया भर में आलोचना हो रही है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिल्कीस बानो के लिए न्याय की मांग करते हुए आरोप लगाया कि बेटी बचाओ जैसे खोखले नारे देने वाले लोग बलात्कारियों को बचा रहे हैं. राहुल गाँधी ने कहा कि आज सवाल देश की महिलाओं के सम्मान और हक का है. बिल्कीस बानो को न्याय दो. ‘‘बेटी बचाओ जैसे खोखले नारे देने वाले, बलात्कारियों को बचा रहे हैं.