बिहार: पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय
बिहार के सीमांचल में प्रभाव रखने वाले राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय को मंजूर कर लिया है। मंगलवार रात पप्पू यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। सुबह पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने विलय के सवाल को टाल दिया था, लेकिन यह जरूर कहा था कि वह कांग्रेस की विचारधारा पर ही लंबे समय से चलते आ रहे हैं।
बुधवार को दिल्ली में उन्होंने अपने साथी कई नेताओं के साथ कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। पप्पू यादव के साथ उनके बेटे सार्थक यादव भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस मौके पर कांग्रेस की ओर से दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी गई। इस मौके पर बिहार कांग्रेस के प्रभारी मोहन प्रकाश, कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा, काग्रेस विधायक दल बिहार के नेता शकील अहमद खान समेत कई अन्य मौजूद रहे।
पप्पू यादव एक बार के विधायक और पांच बार के सांसद रहे हैं। उनकी बिहार के कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल इलाके मजबूत पकड़ मानी जाती है। पप्पू यादव जमीनी नेताओं के तौर पर जाने जाते हैं। वह पिछले कई वर्षों से बिहार में विभिन्न मुद्दों पर लगातार आंदोलनरत रहे हैं। ऐसे में उनके कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस को बिहार में मजबूती मिलेगी।
बुधवार को पूर्व सांसद पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान राजद सुप्रीमो और तेजस्वी यादव की तारीफ की थी। पप्पू यादव ने इस बात का संकेत भी दिया कि अगर कांग्रेस पूर्णिया से उन्हें लोकसभा टिकट देगी वह अपनी पार्टी का विलय कर देंगे। पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजा था।
2019 के लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव जनअधिकार पार्टी के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव लड़े थे लेकिन वह चुनाव हार गए थे। 2019 के चुनाव में उन्हें करीब एक लाख वोट मिले और तीसरे नंबर पर रहे थे। पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा सीट से तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं।