नूंह हिंसा के आरोपी ओर स्वघोषित गोरक्षक मोनू मानेसर को जमानत
राजस्थान में नासिर-जुनैद हत्या मामले और गुरुग्राम के पटौदी में हत्या के प्रयास के मामले में भी आरोपी स्वघोषित गौरक्षक मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर को हरियाणा की नूंह जिला अदालत ने जमानत दे दी।
मानेसर को नूंह पुलिस ने 12 सितंबर को गिरफ्तार किया था और उसी दिन नासिर-जुनैद हत्याकांड में राजस्थान पुलिस ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर ले लिया था। उसे 7 अक्टूबर को हरियाणा पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर वापस ले आई और वर्तमान में वह गुरुग्राम की भोंडसी जेल में बंद है।
हरियाणा के नूंह जिले में सांप्रदायिक हिंसा 31 जुलाई को भड़की और गुरुग्राम, सोहना और राज्य के अन्य जिलों तक फैल गई, जो कई दिनों तक जारी रही। हिंसा में कम से कम छह लोग मारे गए, जबकि 200 अन्य घायल हो गए। मोनू मानेसर को यह जमानत फेसबुक पर कथित भड़काऊ पोस्ट करने के मामले में मिली है।
बावजूद मानेसर को अभी जेल में ही रहना होगा, क्योंकि पदौदी में हत्या का प्रयास और राजस्थान के नासिर-जुनैद की हत्या का केस भी उस पर जल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बहस के दौरान बचाव पक्ष के वकीलों ने बताया कि मोनू मानेसर ने वीडियो में जो हथियार दिखाए थे वो लाइसेंसी थे।
साथ ही अदालत को बताया कि उसका वीडियो किसी समुदाय या मजहब के खिलाफ नहीं था। हालाँकि नूहं पुलिस ने हथियारों का लाइसेंस रद्द किए जाने का हवाले दे जमानत का विरोध किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उसे जमानत दे दी।
बताते चलें कि राजस्थान के भरतपुर जिले में मोनू मानेसर पर नासिर जुनैद हत्याकांड का केस दर्ज है। इसके अलावा हरियाणा के पटौदी में भी मोनू पर हत्या के प्रयास की FIR हुई थी। इस दोनों मामले में अभी मोनू को जमानत नहीं मिल पाई है।