हल्द्वानी हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक और उसके बेटे के घरों की कुर्की
उत्तराखंड: हल्द्वानी हिंसा के बाद लगातार हो रही गिरफ्तारियों के बाद अब हल्द्वानी पुलिस पूरी ने कथित आरोपी अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद के घर पर छापेमारी की है जो अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए राज्य पुलिस द्वारा उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मुंबई में छापेमारी की जा रही है। उत्तराखंड पुलिस ने पिता-पुत्र के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है। पुलिस ने शुक्रवार को उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया और शनिवार को उनके घरों पर छापेमारी की।
पुलिस ने दोनों घरों से सामान जब्त कर लिया। यहां तक कि घर के दरवाजे और खिड़कियां भी तोड़ दिये गये। कुर्की की कार्रवाई के लिए भारी संख्या में पुलिस पहुंची थी। कुर्की की कार्रवाई से पहले ढोल बजाकर लोगों को सूचना दी गई। पुलिस ने पहले घर से सामान निकालकर जब्त कर लिया, फिर घर के दरवाजे और खिड़कियां भी बाहर निकाल लीं। खबरें हैं कि पुलिस अब्दुल मलिक की अन्य संपत्तियों की भी तलाश कर रही है और उन्हें भी जब्त करेगी।
ध्यान रहे कि पुलिस 8 फरवरी से ही दोनों पिता-पुत्र की तलाश कर रही है। दोनों अभी भी उत्तराखंड पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। ऐसे में पुलिस ने दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया और 7 अन्य लोगों को वांछित सूची में शामिल कर लिया और 9लोगों के पोस्टर जारी कर दिए। इस संबंध में एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि अब्दुल मलिक की संपत्तियों का डाटा मिलने के बाद पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी। पिता-पुत्र की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड में कई टीमें गठित की गई हैं।
उधर, जमीयत उलेमा पीड़ितों के आंसू पोंछने पहुंच गई है। जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम लोकतंत्र और आजादी की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने से नहीं हिचकिचाएंगे। जमीयत उलेमा की एक अहम बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कई अहम बातें कहीं।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि यह देश पूरी तरह से फासीवाद की चपेट में आ गया है। हमारे बुजुर्गों ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया है और अगर जरूरत पड़ी तो हम लोकतंत्र और आजादी की रक्षा के लिए फिर से कोई भी बलिदान देने से नहीं हिचकिचाएंगे। उन्होंने हल्द्वानी पुलिस फायरिंग के पीड़ितों को प्रति व्यक्ति दो लाख रुपये और वहां राहत कार्य के लिए कुल 25 लाख रुपये की तत्काल राहत देने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि कानूनी समिति दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मांग की कि मृतक को आधिकारिक मुआवजा दिया जाना चाहिए।