सेना ने एलओसी की निगरानी बढ़ाई, सीमा पर आतंकियों का जमावड़ा
भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर में बर्फ गलने के साथ ही अपनी निगरानी बढ़ा दी है।
एलओसी पार आतंकियों की मौजूदगी और घुसपैठ की योजना का इनपुट मिलने के बाद सेना सतर्क हो गयी है। उत्तरी कश्मीर में पहाड़ों पर जमी बर्फ पिघलने के साथ ही घुसपैठ करने की फ़िराक़ में लगे आतंकियों को नाकाम करने के लिए सेना ने एलओसी पर निगरानी बढ़ा दी है।
रिपोर्ट्स की माने तो सीमा पार लॉन्चिंग पैड्स बने हुए हैं और मौके पर 300 आतंकी मौजूद हाँ जो घाटी में घुसपैठ करने के लिए किसी अवसर की तलाश में हैं। उत्तरी कश्मीर में पहाड़ों पर जमी बर्फ पिघलने के साथ ही यहां तैनात भारतीय जवानों की चुनौतियां थी बढ़ गई हैं। भारतीय सेना हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है और सीमाक्षेत्र की निगरानी बढ़ा दी है।
सुरक्षा बलों को ख़ुफ़िया एजेंसी से मिले इनपुट के अनुसार सीमा पार कम से कम 300 आतंकी घुसपैठ करने के लिए तैयार हैं। सीमा पार घुसपैठ की फ़िराक़ में लांचिंग पैड्स के पास मौजूद आतंकी घाटी में घुसपैठ करने का अवसर तलाश रहे हैं। ऐसी भी खबर मिल रही है कि अफगानिस्तान से बहुत सारे आतंकियों को कश्मीर भेजा जा सकता है। जिस से निपटने के लिए सुरक्षा बल कमर कस चुके हैं।
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में एलओसी का दौरा किया था। कश्मीर फ्रंटियर के आईजी बीएसएफ राजा बाबू सिंह ने कहा, इन ऊंचे इलाकों पर बर्फ पिघलने के बाद हम उन इलाकों पर निगरानी बढ़ा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि 125-150 आतंकी सीमा पार से घुसपैठ की फिराक में हैं। सेना और बीएसएफ ने सुनिश्चित किया है कि आतंकवादियों का सफाया हो और घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण हो। सीमा की रखवाली करने वाले जवानों को सभी नई तकनीक के उपकरण दिए गए हैं। एलओसी पर गश्त भी बढ़ा दी गई है। रात दिन पहाड़ियों की पेट्रोलिंग की जा रही हैं। हर चौबीस घंटे में अलग अलग पेट्रोल दल गश्त करते रहते हैं।
बीएसएफ के जवानों का कहना है कि वह यहां पूरे साल 24 घंटे एलओसी पर पहरा दे रहे हैं और इस क्षेत्र में घुसपैठ की कोई संभावना की गुंजाइश नहीं है। जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में भी सुरक्षाबलों ने आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज कर दिया है। 2022 में विभिन्न मुठभेड़ों में लगभग 47 आतंकवादी मार गिराए हैं। कुछ दिनों पहले जम्मू संभाग के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में मारे गए एक घुसपैठिये के बाद अब यह संभावना जताई जा रही है कि आतंकी घुसपैठ को लेकर हताश हैं।