8 पूर्व नौ सैनिकों को भारत वापस लाने के लिए पीएम मोदी से मदद की गुहार
कतर में आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाए जाए के बाद भारत में उनके परिवार चिंतित हैं। वे चाहते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री दखल दें और पूर्व नौसैनिकों की सुरक्षित वापसी मुमकिन कराएं। कतर में इन पूर्व नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। कतर में पिछले साल से हिरासत में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को वहां कि एक निचली अदालत ने पिछले हफ्ते मौत की सजा सुनाई थी और भारत ने इस पर हैरानी जताई थी।
कतर में आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाए जाए के बाद भारत में उनके परिवार चिंतित हैं। वे चाहते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री दखल दें और पूर्व नौसैनिकों की सुरक्षित वापसी मुमकिन कराएं। कतर में अपराध बताए बिना इन पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई गई है। कतर में पिछले साल से हिरासत में बंद आठ भारतीय पूर्व नौसैनिकों को वहां कि एक निचली अदालत ने पिछले हफ्ते मौत की सजा सुनाई थी और भारत ने इस पर हैरानी जताई थी।
लेकिन जिस तरह से अचानक वहां की अदालत ने इन्हें मौत की सजा सुना दी, उससे साफ है कि यह मामला भारत सरकार के लिए बड़ी कूटनीतिक चुनौती साबित होने वाला है। अभी तक इन भारतीयों की गिरफ्तारी की वजह नहीं बताई गई है। लेकिन वहां की मीडिया रिपोर्टों में जासूसी की बात कही जा रही है।
हालांकि जिस तरह से कतर में उनकी गिरफ्तारी हुई और अदालत ने सजा मुकर्रर कर दी , उस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव साफ नजर आता है। इन आठ पूर्व नेवी अधिकारियों में शामिल कमांडर पुरेंदु तिवारी (रिटायर्ड) के परिवार का कहना है कि उन्हें कतर की न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। पुरेंदु तिवारी की बहन मीतू भार्गव ने कहा कि उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री मोदी के दखल की मांग की है ताकि आठों भारतीयों को वापस लाया जा सके।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कतर में मौत की सजा पाए आठ नौसैनिकों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और कहा कि सरकार इस मामले को पूरा महत्व देते हुए आगे बढ़ा रही है। विदेश मंत्री ने एक्स (ट्विटर) पर इस संबंध में सोमवार को लिखा है-, “सरकार उनकी रिहाई के लिए सभी प्रयास जारी रखेगी। परिवारों की चिंताओं और दर्द को पूरी तरह से साझा किया और कहा है कि सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करना जारी रखेगी। इस संबंध में परिवारों के साथ भी तालमेल किया जाएगा।”
कतर की अदालत के फैसले पर विदेश मंत्रालय ने हैरानी जताई थी और कहा था कि वो कतर अदालत के फैसले का विरोध करेगा। विदेश मंत्रालय ने इसके तुरंत बाद एक आधिकारिक बयान में कहा, “मौत की सजा के फैसले से हम गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।”