आईएससीप्रेस:अमित शाह के भरोसेमंद सुनील बंसल ने जब तीन महीने पहले बंगाल में डेरा डाला तो यहाँ पार्टी की हालत बहुत बुरी थी। सुनील बंसल ने यूपी से आकर कोलकाता में डेरा डाल दिय। उन्होंने यहां का काम संभाला तो संगठन कमजोर था। कार्यकर्ताओं के नाम पर सिर्फ़ आठ हज़ार लोगों का ब्यौरा था। उन्होंने बूथ कमेटी से लेकर सेक्टर और फिर मंडल तक संगठन का विस्तार किया। हर बूथ पर एक व्हाट्सएप प्रभारी बनाया। सभी 51 विधानसभा सीटों पर जाकर मीटिंग की। बंसल के बड़े भाई दुर्गापुर में रहते हैं। उनका आना जाना लगा रहता है। वह बांग्ला जानते और समझते हैं। बंगाल में चुनाव की तैयारी में ये उनके बहुत काम आ रहा है।
अमित शाह का सपना रहा है कि भाजपा बंगाल में सरकार बनाए उन्होंने खुद चार साल पहले यह बात कही भी थी।
शाह ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा था जब बंगाल और केरल में बीजेपी की सरकार होगी तब पार्टी का स्वर्णिम समय आएगा। इस सपने को साधने के लिए शाह ने ममता बनर्जी के मज़बूत गढ़ में अपने सबसे भरोसेमंद नेता को लगाया है। शाह और बंसल की जोड़ी ने मिलकर यूपी में असंभव को संभव कर दिया था। 2014 के
लोकसभा चुनाव में जीत के बाद इसी जोड़ी ने 2017 के विधानसभा चुनाव भी भाजपा को जीत दिलाई थी। जब अमित शाह महासचिव होने के नाते यूपी के प्रभारी थे, तभी वह बंसल को संगठन मंत्री बना कर लखनऊ लाए थे। अब सुनील बंसल के पास बंगाल के 51 विधानसभा सीटों की ज़िम्मेदारी है।
कोलकाता ज़ोन के 6 ज़िले बीजेपी की सबसे कमजोर कड़ी माने जा रहे हैं यह इलाक़ा ममता का गढ़ है। ममता के इस गढ़ में बीजेपी अब तक कोई कमाल नहीं दिखा पायी है पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिल सकी थी।
हालाँकि बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर भाजपा जीतने में सफल रही थी। मगर फिर भी कोलकाता ज़ोन की 7 सीटों पर बीजेपी का खाता तक नहीं खुल सका था। ब्रिगेड मैदान में मोदी की रैली में सबसे अधिक भीड़ जुटाने की ज़िम्मेदारी भी उनके ही पास थी।