टनल के अंदर भेजी गईं एंबुलेंस, मज़दूरों को निकालने का काम शुरू
उत्तराखंड टनल में फंसे मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक-एक कर मजदूरों को टनल से बाहर निकाला जा रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी सिल्क्यारा टनल पहुंचने वाले हैं। रैट माइनिंग टीम ने इससे पहले खुदाई का काम पूरा किया। इसके बाद टीम मजदूरों से रू-ब-रू हुई। स्केप टनल में आखिरी पाइप लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई। मजदूर तक पहुंची रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने सभी मजदूरों को काले चश्मे दिए गए।
अंधेरे में रहने के कारण मजदूरों के बाहर निकलने पर आंखों पर कोई इफेक्ट न हो, इसके लिए उन्हें बचाव दल ने यह चश्मे दिए हैं। उत्तरकाशी टनल से 17 दिन बाद फंसे 41 मजदूर अब बाहर की दुनिया में दाखिल होने वाले हैं। वहीं, रेस्क्यू ऑपरेशन की पल- पल की अपडेट पीएम नरेंद्र मोदी लेते रहे। सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ उनका संपर्क बना रहा।
टनल के पास बेस हॉस्पिटल है। यहां मजदूरों को प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इसके बाद इन्हें 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। जहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो उन्हें फौरन एयरलिफ्ट कर AIIMS ऋषिकेश भेजा जाएगा।
टनल से बाहर निकाले जा रहे मजदूरों के लिए बाहरी भाग में गद्दे लगाए गए। उन पर बाहर निकालने के बाद उन गद्दों पर रखा गया। वातावरण के अनुकूल मजदूरों की बॉडी को तैयार करने के बाद उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मजदूरों के बॉडी टेंपरेचर और स्वास्थ्य की स्थिति की जांच के लिए मेडिकल टीम भी सुरंग के अंदर मौजूद है। वहीं, खुदाई का काम पूरा होने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी टनल में पहुंच गए हैं।
टनल के भीतर से से ही सीएम धामी पीएम मोदी से संपर्क साधे हुए हैं। 12 नवंबर को सुबह 4 बजे हादसे के बाद 41 मजदूर टनल में फंस गए थे। इस घटना के करीब 418 घंटे के बाद दोपहर करीब 2 बजे स्केप टनल के निर्माण का कार्य पूरा होने और मजदूरों तक रेस्क्यू टीम के पहुंचने की खबर ने सभी को राहत दी। आखिरकार मजदूरों की जान को बचाने में सफलता मिल गई।