परमबीर सिंह पर लगे सारे आरोप हटाए गए!

परमबीर सिंह पर लगे सारे आरोप हटाए गए!

महाराष्ट्र में पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघडी सरकार ने परमबीर सिंह को ‘अनुशासनहीनता और अन्य अनियमितताओं’ के लिए निलंबित कर दिया था। एमवीए सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की थी। परमबीर सिंह पर जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के कई आरोप भी लगे थे। परमबीर सिंह और छह पुलिस अधिकारियों समेत 28 अन्य के खिलाफ जुलाई 2021 में रंगदारी का मामला दर्ज किया गया था। इन पर एक बिल्डर से पैसे ऐंठने का भी आरोप है।

उद्धव ठाकरे सरकार में मुंबई पुलिस के प्रमुख रहे परमबीर सिंह की सरकार से ही ठन गई थी। उनपर कई आरोप लगे थे, एफ़आईआर दर्ज हुई थी। वह एक समय छिपते फिर रहे थे। एक समय तो सुप्रीम कोर्ट को भी बताने को तैयार नहीं थे कि वह कहाँ हैं। अब उन्हीं परमबीर सिंह के खिलाफ़ लगे सभी आरोपों को उद्धव के विरोधी एकनाथ शिंदे सरकार ने हटा दिया है। इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने दिसंबर 2021 में परमबीर सिंह के खिलाफ जारी निलंबन आदेशों को रद्द कर दिया और निलंबन की अवधि को ‘ड्यूटी पर’ मानने का आदेश दिया है। तो सवाल है कि ऐसा कैसे हो गया?

बिल्डर और होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल की शिकायत पर गोरेगांव थाने में परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली का एक और मामला दर्ज किया गया था। अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि परमबीर सिंह ने दो बार और रेस्तरां पर छापा नहीं मारने के लिए उनसे 9 लाख रुपये वसूले, जिन्हें वह साझेदारी में चलाते थे। उन्हें उनके लिए लगभग 2.92 लाख रुपये के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए भी मजबूर किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि यह घटना जनवरी 2020 से मार्च 2021 के बीच हुई।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के फ़ैसले ने परमबीर सिंह के खिलाफ विभागीय जांच को गलत बताया है और जांच को बंद करने का आदेश दिया है। इसके अलावा विभागीय जांच के चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया था, जो अब गलत साबित हो चुका है। परमबीर सिंह के निलंबन को वापस लेने का आदेश सीएटी से आया, और इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने निर्णय लिया’।

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