अयोध्या या मथुरा नहीं इस सेफ सीट से चुनाव लड़ेंगे आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ राम नगरी अयोध्या या कृष्ण की जन्म भूमि मथुरा से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
अयोध्या और मथुरा को लेकर पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि आदित्यनाथ यहां से चुनाव लड सकते हैं ।
भाजपा ने इन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए गोरखपुर शहर से आदित्यनाथ को प्रत्याशी घोषित किया है । गोरखपुर शहर सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ मानी जाती है। 1967 से लेकर अब तक, जनसंघ के जमाने से भाजपा को इस सीट पर कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा है। पिछले चार चुनावों यहां से भाजपा के राधा मोहन दास अग्रवाल विधायक बनते रहे हैं इस बार उनका टिकट काट कर यहां से आदित्यनाथ को प्रत्याशी बनाया गया है ।
भाजपा की रणनीति है कि आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर सीट से उम्मीदवार बनाकर गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों पर अपना दावा मजबूत कर लें।
आदित्यनाथ ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में 42 बार अयोध्या का दौरा किया है लेकिन भाजपा ने अयोध्या से आदित्यनाथ को टिकट न देकर गोरखपुर शहर की सुरक्षित सीट से उतारा है जिसका मुख्य कारण अयोध्या में लोगों की नाराजगी बताई ही जा रही है । यहां लोगों में जमीन अधिकरण को लेकर गुस्सा है तो कहीं दुकानें खाली कराए जाने से स्थानीय लोगों नाराज हैं।
हाल ही में राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा था जहां तक बात अयोध्या की है तो अयोध्या एकमत में या जक पार्टी के अंतर्गत नहीं है। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री को यहां से चुनाव लड़ने पर विचार ही नहीं करना चाहिए। उन्हें गोरखपुर में ही किसी स्थान से चुनाव लड़ना चाहिए।
राजनीति जानकारों का कहना है कि मथुरा हो या आयोध्या दोनो स्थानों पर योगी को मेहनत करना पड़ती । उनके लिए गोरखपुर शहर सुरक्षित है । यह सीट योगी आदित्यनाथ का गढ़ रही है । वह गोरखपुर लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रहे हैं और उनके करीबी राधा मोहन दास अग्रवाल चार बार से विधायक । ऐसे में उनके लिए गोरखपुर शहर सीट ही सेफ है।