चिराग पासवान पर टिकट बेचने आरोप लगाकर 22 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफ़ा दिया
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में अब बस एक पखवाड़े का समय बचा है। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को करारा झटका लगा है। जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार सहित 22 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इनमें राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के पदाधिकारी भी शामिल हैं।
इसमें पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु कुशवाहा, प्रदेश प्रवक्ता प्रो. विनित सिंह, राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार, प्रदेश संगठन सचिव ई. रविन्द्र सिंह समेत प्रदेश उपाध्यक्ष और महासचिव भी शामिल हैं। इस्तीफा देने वाले नाराज नेताओं ने एक लिस्ट भी जारी की है जिसमें इस्तीफा देने वाले नेताओं का नाम है।
माना जा रहा है कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं द्वारा दिये गए ये इस्तीफे उन आरोपों के बाद हुए हैं जिनमें टिकट बंटवारे में पार्टी के जमीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं की अनदेखी की बातें कही गई हैं। कई नेता तो टिकट बंटवारे में रुपये के लेनदेन तक के आरोप लगा रहे हैं।
माना जा रहा है कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं द्वारा दिये गए ये इस्तीफे उन आरोपों के बाद हुए हैं जिनमें टिकट बंटवारे में पार्टी के जमीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं की अनदेखी की बातें कही गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी से अपने इस्तीफे पर पूर्व सांसद रेनू कुशवाहा ने कहा है कि बाहर के लोगों की बजाय पार्टी कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाना चाहिए।
बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट का नारा देने वाले चिराग पासवान पर “पैसा फर्स्ट-परिवार फर्स्ट” के तहत लोकसभा में टिकट बेचने का आरोप लग रहा है। लोजपा के प्रदेश संगठन सचिव रह चुके ई. रविंद्र सिंह का कहना है कि जब चिराग पासवान सबसे अधिक मुसाबत में थे। उनके परिवार तक ने उनका साथ छोड़ दिया था। उनकी पार्टी से लेकर सहयोगी दल भाजपा ने ने भी पीठ में खंजर भोंका था। ऐसे वक्त में इन्हीं कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सींचा था।
रविंद्र सिंह का आरोप है कि जिस वीणा देवी ने लोजपा तोड़ने में सबसे अहम भूमिका निभाई थी उसे फिर से टिकट से सम्मानित किया गया। वीणा देवी ने चिराग पासवान के खिलाफ कई आपत्तिजनक बयान दिये थे और उनपर टिकट बेचने का आरोप लगाया था।