यूके-भारत के बीच व्यापार समझौते के लिए वार्ता शुरू

यूके-भारत के बीच व्यापार समझौते के लिए वार्ता शुरू, ब्रिटेन ने मंगलवार (स्थानीय समय) को जनता और व्यवसायों से विचार लेने के लिए भारत के साथ व्यापार वार्ता के लिए 14-सप्ताह की परामर्श तैयारी शुरू कर दी है ।

भारतीय न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार ब्रिटेन के व्यापार सचिव लिज़ ट्रस ने भारत के साथ व्यापार समझौते की तैयारी शुरू कर दी है। ट्रस ने मीडिया से बात करते हुए कहा: “हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 1.4 अरब लोगों के देश भारत के साथ एक व्यापार समझौते की शुरुआत कर रहे हैं।”

ब्रिटेन के व्यापार सचिव ने कहा: “हम एक ऐसा समझौता चाहते हैं जो भविष्य में उद्योगों के नए मोर्चे को आगे बढ़ाए और हमें एक अधिक नवीन और अधिक सेवाओं के नेतृत्व वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करे और पूरे देश में उच्च-भुगतान वाली नौकरियां प्रदान करे,”

व्यापार समझौते की बातचीत का जवाब देते हुए, यूके के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री, रानिल जयवर्धने ने कहा “भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और हम बहुत कुछ साझा करते हैं, इसलिए हम स्वाभाविक भागीदार हैं।

उन्होंने कहा कि ये व्यापार समझौते दोनों देशो में बीच व्यापार में आने वाली बाधाओं को तोड़ देगा, और इस समझौते से ब्रिटिश व्यवसायों के लिए भारत में अपना माल बेचना आसान हो जाएगा

उन्होंने कहा कि ये समझौता व्हिस्की जैसे प्रतिष्ठित उद्योगों के लिए नए अवसर खोलेगा और विज्ञान और सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देगा, देश भर में रोजगार पैदा करेगा।

ब्रिटिश उच्चायोग (बीएचसी) की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यूके भारत के साथ एक ऐसा सौदा चाहता है जो भारत की 2 ट्रिलियन पाउंड की अर्थव्यवस्था और 1.4 बिलियन उपभोक्ताओं के बाजार के साथ व्यापार और व्यापार करने की बाधाओं को दूर करे। इसमें व्हिस्की पर 150 प्रतिशत तक और ब्रिटिश निर्मित कारों पर 125 प्रतिशत तक शुल्क हटाना शामिल है।

बता दें कि औपचारिक बातचीत इस साल के अंत में शुरू होने की उम्मीद है, बीएचसी के बयान के अनुसार यूके का उद्देश्य सेवा फर्मों के लिए भारतीय बाजार में काम करना आसान बनाना है, जिससे यूके को अंतरराष्ट्रीय सेवा केंद्र के रूप में दर्जा मिल सके। बयान में कहा गया है कि भारत की बढ़ती मध्यम-आय वाली आबादी और अत्यधिक जुड़े हुए युवा यूके द्वारा उत्कृष्ट वस्तुओं और सेवाओं के लिए लक्षित उपभोक्ता होंगे।

ग़ौर तलब है कि ये व्यापार समझौते की बातें 4 मई को प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के बीच आभासी बैठक में सहमत के बाद सामने आ रही हैं

भारत के वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2019-20 में 15.45 बिलियन डॉलर था, जबकि 2018-19 में $ 16.87 बिलियन था,

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