मायावती , ओवैसी गुजरात में किसका खेल बिगाड़ेंगे?

मायावती ,ओवैसी गुजरात में किसका खेल बिगाड़ेंगे?

गुजरात चुनाव में कौन बाज़ी मारेगा यह तो वक़्त बताएगा लेकिन बिहार उपचुनाव ने सभी समीकरण बदल कर रख दिय हैं। बिहार के गोपालगंज सीट पर हुई बीजेपी की जीत का समीकरण गुजरात में भी देखने को मिल सकता है। बीजेपी के खिलाफ पड़ने वाले वोटों का बिखराव ही इस विधानसभा उपचुनाव में जीत की सबसे बड़ी वजह बनी है।

हालांकि मोकामा विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार हुई है. लेकिन यहां पर चुनाव एक तरह से दो ध्रुवीय हो गया था. बात करें गोपालगंज की सीट की को तो यहां का समीकरण एक तरह से विपक्ष के लिए सिरदर्द साबित होता दिख रहा है। इस सीट पर बीजेपी और आरजेडी के बीच तगड़ा और सीधा मुकाबला था. यह सीट बीजेपी के विधायक सुभाष सिंह के निधन से खाली हुई थी। पार्टी ने उनकी पत्नी कुसुम देवी को टिकट दिया था।

आरजेडी ने इस सीट से मोहन प्रसाद गुप्ता को उतरा था। बीजेपी की प्रत्याशी कुसुम देवी को यहां पर 70032 वोट मिले. वहीं आरजेडी प्रत्याशी को 68243 मिले हैं मतलब बीजेपी प्रत्याशी की जीत का अंतर 1800 है। लेकिन बीजेपी की जीत की कहानी सिर्फ इतनी भर नहीं है. बीएसपी की प्रत्याशी इंदिरा यादव को 8854 वोट मिले हैं।

आपको जानकर थोड़ा हैरानी हो सकती है कि इंदिरा यादव उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मामी हैं. वो लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के सगे भाई साधु यादव की पत्नी हैं। बिहार में बीएसपी कभी वो जगह नहीं बना पाई जो यूपी में है। लेकिन इस चुनाव में विपक्ष के लिए एक बड़ा फैक्टर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम है। उनकी पार्टी से अब्दुल सलमान को 12 हजार से कुछ ज्यादा ही वोट मिले हैं. ओवैसी की पार्टी को इतने वोट मिल जाना जेडीयू-आरजेडी के लिए ठीक नही है। और इस चुनाव के नतीजे से ये भी साफ है कि अगर विपक्ष बिखरा तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलता है।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए IscPress उत्तरदायी नहीं है।

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