बाग़ी सूखे पत्तों की तरह होते हैं, “उनका झड़ जाना ही बेहतर”

बाग़ी सूखे पत्तों की तरह होते हैं, “उनका झड़ जाना ही बेहतर”

शिवसेना के अखबार सामना को इंटरव्यू देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बीजेपी की आलोचना करते हुए बागियों पर भी निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बागी पेड़ के सूखे पत्ते की तरह होते हैं जिनका झड़ जाना ही बेहतर होता है, ताकि उनके स्थान पर नए पत्ते उग सकें। उद्धव ठाकरे ने सामना को दो भागों में एक साक्षात्कार दिया, जिसमें उन्होंने अपनी सरकार और उसके खिलाफ होने वाली बग़ावत पर अपने विचार और दर्द व्यक्त किए।

उद्धव ठाकरे ने एक विस्तृत साक्षात्कार में कहा, “मेरी सरकार चली गई, मुख्यमंत्री का पद चला गया, मुझे कोई पछतावा नहीं है, लेकिन मुझे तकलीफ़ इस बात की है कि मेरे अपने लोग विश्वासघाती निकले। जब मैं मरीज़ था और ठीक से हिल नहीं पा रहा रहा था तो वे मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे थे।” एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए, शिवसेना प्रमुख ने कहा, “मैंने ऐसे समय में बग़ावत की खबर सुनी जब मैं गर्दन की सर्जरी से उबर रहा था और ज्यादा हिल भी नहीं पा रहा था। लोग मेरे ठीक होने की प्रार्थना कर रहे थे और कुछ लोग चाहते थे कि मैं कभी ठीक न होऊँ।”

गौरतलब है कि पूर्व महाविकास अघाड़ी सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को गर्दन और रीढ़ की समस्या के इलाज के लिए नवंबर 2021 में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उद्धव ठाकरे की हालत नाजुक बनी हुई थी। इसके बावजूद उनकी पार्टी के कुछ शरारती तत्व सरकार गिराने की कोशिश में लगे हुए थे।

उद्धव ठाकरे ने “सामना” को दिए एक लम्बे साक्षात्कार के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि उस समय उन्हें लकवा मार गया था। और सौभाग्य से डॉक्टरों ने मेरा सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया जिसके कारण मैं आज यहां हूं। उन्होंने कहा कि उस अवधि के दौरान जब वह स्थिर थे, बाग़ी स्पष्ट रूप से बहुत सक्रिय थे और पार्टी के हितों के खिलाफ काम कर रहे थे और अफवाहें फैला रहे थे कि कि उद्धव ठाकरे कभी ठीक नहीं होंगे और कुछ की इच्छा थी कि वह कभी वापस नहीं आएं। जबकि हजारों आम लोगों ने उनका समर्थन किया और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।

उन्होंने कहा, “उस समय मैंने उन्हें (तत्कालीन मंत्री और वर्तमान सीएम एकनाथ शिंदे) पार्टी की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन जब मुझे उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब वह मेरे लिए मौजूद थे।” यह दर्दनाक सच्चाई जीवन भर मेरे साथ रहेगी। उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे के प्रति अपनी वफादारी दिखाने वालों को ‘असली शिवसैनिक ‘ घोषित करते हुए कहा कि बाग़ियों के जाने के बाद शिवसैनिक खुश हैं। अब वे चाहते हैं कि नए सिरे से पार्टी को मज़बूत किया जाए क्योंकि बाग़ियों के पास दिखाने लायक कोई पिता नहीं है! इस लिए वह लोग दूसरों के पिता ‘चोरी’ करते हैं।

उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ भी ऐसा ही किया। इरादा शिवसेना को ठाकरे परिवार से अलग करके नष्ट करना है, जिस तरह वह गाँधी परिवार से कांग्रेस को अलग करके नष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने सरकार को गिराने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए और बाग़ियों को यह कहकर प्रोत्साहित किया कि चुनाव जीतने के लिए जो कुछ भी हो सकता है वह करेंगे और चुनाव जिताएंगे।

अब बाग़ियों का यह कहना है कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन एक गलती थी, लेकिन वह ढाई साल तक इस सरकार का हिस्सा भी रहे और मंत्री भी। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने 2019 में अपना वादा पूरा किया होता, तो मौजूदा संकट पैदा ही नहीं होता लेकिन भाजपा नेअपना वादा पूरा नहीं किया। साक्षात्कार में उद्दव ठाकरे ने आगे कहा कि जिन्हें मैंने अपना माना, उन्होंने मुझे छोड़ दिया, यानी वे कभी मेरे थे ही नहीं । उन्होंने चुनौती दी कि विधानसभा चुनाव की इजाजत दी जाए, मुख्यमंत्री एक बार फिर शिवसेना का होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles