आरएसएस के पूर्व प्रचारकों का नई राजनीतिक पार्टी बनाने का मंसूबा

आरएसएस के पूर्व प्रचारकों का नई राजनीतिक पार्टी बनाने का मंसूबा

पहली बार आरएसएस के कई बड़े नाम पार्टी बनाकर राजनीति में चुनौती पेश करने जा रहे हैं। इस नई पार्टी में आरएसएस के कई पूर्व प्रचारक शामिल हैं जो 10 सितंबर को भोपाल में पार्टी का गठन करेंगे।

आरएसएस छोड़ चुके इन प्रचारकों का मकसद है देश की जनता को हिन्दुत्व आधारित सौ प्रतिशत खरी राजनीतिक पार्टी का विकल्प देना।

भोपाल में 10 सितंबर को देशभर के कार्यकर्ता जुटेंगे और इस नई पार्टी के गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देंगे। पार्टी का नाम जनहित पार्टी तय किया गया है और इस कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद पार्टी के नाम के लिए आवेदन दिया जाएगा।

विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में कई जगह अपने समर्थकों को चुनाव लड़वाने की तैयारी की जा रही है। बैठक प्रातः 9 बजे से शाम 6 बजे तक भोपाल में होगी। बैठक में सभी दूर से आए कार्यकर्ताओं का परिचय, पार्टी स्थापना की पृष्ठभूमि, पार्टी गठन की वैधानिक कार्रवाई, आगामी कार्यक्रमों के विषय में चर्चा कर सभी का कार्य विभाजन कर दिया जाएगा।

मध्यप्रदेश के सभी क्षेत्रों से कार्यकर्ता यहां आएंगे। सभी कार्यकर्ता सामाजिक रूप से अपने क्षेत्रों में लंबे समय से सक्रिय हैं।भारत हितरक्षा अभियान के प्रणेता अभय जैन ने इस पार्टी के गठन की शुरुआत की। इनमें अभय जैन के साथ मनीष काले, विशाल बिंदल मुख्य रूप से शामिल हैं।

अभय जैन मध्यप्रदेश में प्रांत बौद्धिक प्रमुख रह चुके हैं। वे इंदौर नगर प्रचारक के साथ सिक्किम विभाग प्रचारक और प्रांत सेवा प्रमुख जैसे बड़े दायित्व पर रह चुके हैं। इंदौर और मध्यप्रदेश समेत देश के कई राज्यों में अभय जैन लंबे समय से सक्रिय हैं। वे देशभर के लोगों को इस नई विचारधारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं।

मनीष काले आरएसएस के रीवा विभाग प्रचारक रह चुके हैं। ग्वालियर-चंबल के पूरे क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय हैं और वहां के लोगों को नई राजनीतिक पार्टी से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। विशाल बिंदल भोपाल सायं बाग प्रचारक रह चुके हैं। वे इन दिनों झारखंड में सक्रिय हैं और वहां पर सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों का नेतृत्व कर रहे हैं। डॉक्टर सुभाष बारोट पिछले 40 वर्षों से सामाजिक कार्यों में संलग्न हैं।

इन मुद्दों पर करेंगे जनता का आव्हान
1. बांग्लादेशी घुसपैठियों का देश से निष्कासन
2. दुनियाभर से प्रताड़ित होकर भारत आए
हिंदूओं को देश की नागरिकता दिलाना
3. अल्पसंख्यकों के विशेष अधिकार (धारा
30) को समाप्त करना
4. राजनीति से अपराधियों को बाहर करना
5. सरकारी स्कूलों में निःशुल्क उच्च स्तरीय
पढ़ाई और सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क
बेहतर इलाज दिलाना
6. बच्चों को महंगी कोचिंग से मुक्ति दिलाना
7. नशे, अपराध, महंगाई और भ्रष्टाचार से
त्रस्त जनता को राहत दिलाना
8. सरकारी नौकरियों में ईमानदार व्यवस्था
बनाना, युवाओं के लिए रोजगार सृजित
करना
9. सरकारी दफ्तरों, थानों में आम आदमी को
मजबूत बनाना
10. प्रकृति की सुरक्षा तय करना

 

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