पीएम केयर्स फंड से खरीदे गए वेंटिलेटर ख़राब: रिपोर्ट, केंद्र द्वारा दिए गए सभी वेंटिलेटर के ऑडिट के आदेश के बमुश्किल 3 दिन बाद, सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) औरंगाबाद की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड के तहत प्रदान किए गए कई वेंटिलेटर में तकनीकी खराबी पाई जा रही है
सियासत डॉट कॉम के अनुसार कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत का कहना है कि जीएमसीएच की तीन पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड (पीएमसीएफ) के तहत कोविड-19 मरीजों के लिए 150 वेंटिलेटर दिए गए हैं उनमे से कुछ वेंटिलेटर को वार्ड में लगाया उसके बाद उन वेंटिलेटर का परीक्षण किया गया जिसमे ये पाया गया कि पीएम फंड से आए वेंटिलेटर गंभीर कोविड रोगियों के इलाज के लिए ठीक नहीं हैं ।
कंपनी के प्रतिनिधि सहदेव और कल्पेश छह दिनों के बाद आए दूसरे 25 वेंटिलेटर को अस्पताल के वार्ड में लगाया लेकिन वो सब भी अगले ही दिन 20 अप्रैल को खराब हो गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वेंटिलेटर वांछित स्तर तक ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं कर रहे थे, जिससे कोविड रोगियों को सांस लेना मुश्किल हो रही थी, और रोगियों का ऑक्सीजन का स्तर गिर रहा था, जिससे उनके जीवन को खतरा पैदा हो गया था।
रिपोर्ट के अनुसार इंजीनियरों की एक टीम तीन दिनों के बाद आई, दो वेंटिलेटर की मरम्मत की, जो फिर से खराब हो गए और आईसीयू से हटा दिए गए,
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत “घटिया वेंटिलेटर देकर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने न केवल जनता के पैसे को बर्बाद किया है, बल्कि लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया है।
सावंत का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता अब महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जीएमसीएच की रिपोर्ट ने पीएम फंड से खरीदे गए वेंटिलेटर की पोल खोल दी है ।