ऑक्सफ़ोर्ड-AstraZeneca की वैक्सीन से बन रहे जानलेवा थक्के:रिपोर्ट, ब्रिटेन ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन से बन रहे जानलेवा ख़ून के थक्के को देखते हुए 40 साल के अंदर लोगों को यह वैक्सीन नहीं लगाने का फ़ैसला किया है,
बताया जा रहा है कि 40 साल या उससे कम उम्र के लोगों के लिए ब्रिटेन दूसरी वैक्सीन लगाने पर विचार कर रहा है, बताया जा रहा है कि कई वयस्कों में ऐसा देखे जाने के बाद सलाहकारों ने स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकाक को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया है।
ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन को भारत में 18 साल तक की उम्र के लोगों को लगाई जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं के अंदर खून के थक्के जमने का ख़तरा बेहद बढ़ गया है, इससे पहले उन्होंने सुझाव दिया था कि जिन लोगों की उम्र 30 साल तक है और उन्हें कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है, उन्हें फाइजर या मॉडर्ना जैसी कंपनियों के टीके लगाए जाएं, हालांकि अब इस उम्र को 40 तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, ब्रिटिश अख़बार इंडिपेंडेंट के मुताबिक़ आज इस पर फ़ैसले का ऐलान हो जाएगा।
खून का थक्का बनने के 242 मामले सामने आए….
ताज़ा आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक 10 लाख डोज़ पर ख़ून के थक्के जमने के 10.5 मामले सामने आए हैं, ब्रिटेन में ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन लगाए जाने के बाद ख़ून के थक्के बनने के 242 मामले सामने आए हैं, इससे पहले डेनमार्क ने कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरों के बीच ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन पर पूर्ण रोक लगा दी थी और ऐसी पाबंदी लगाने वाला यह यूरोप का पहला देश भी बन गया था।
इससे पहले वैक्सीन दिए जाने के बाद ख़ून के थक्के जमने के संदेह में कई यूरोपीय देश पहले भी इसे कुछ समय के लिए बंद कर चुके हैं, हालांकि उन देशों में अभी यह वैक्सीन लगाई जा रही है, डेनमार्क ने यह रोक वैक्सीन दिए जाने के बाद कुछ लोगों के शरीर में खून के थक्के जमने के बाद लगाई है।
हालांकि, विशेषज्ञों का दावा है कि ऐसी घटनाएं काफ़ी कम हैं, बताया जा रहा है कि इस क़दम से डेनमार्क में जारी वैक्सीनेशन प्रोग्राम को तगड़ा झटका लग सकता है, इस समय डेनमार्क में एस्ट्राजेनेका की 24 लाख कोविड वैक्सीन कई सेंटर्स पर मौजूद हैं, जिन्हें अब वापस लिया जा रहा है।