COVID-19 In India: कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने पूरे भारत में क़हर बरपा कर रखा है पिछले 24 घंटे में तीन लाख से ज़्यादा कोरोना संक्रमित मामले सामने आए हैं दवाओं, आई सी यू बेड और ऑक्सीजन की कमी हो गयी है जिसके चलते लोग दम तोड़ रहे हैं हॉस्पिटल कोरोना संक्रमित को भर्ती करने को तैयार नहीं है अगर कोई हॉस्पिटल कोरोना संक्रमित को भर्ती कर रहा है तो उसके घर वालों से ऑक्सीजन के सिलेंडर का इंतज़ाम करने को कह रहा है
इस बढ़ती महामारी के बीच बड़े-बड़े लोग भी अपनी हिम्मत हार बैठे हैं। सत्ताधारी भाजपा के दिग्गज नेता का कहना है कि हाल यह है कि बेड और ऑक्सीजन छोड़िए, कोरोना जांच के लिए भी पैरवी की जरूरत पड़ रही है।
बता दें कुछ महीने पहले पीएम मोदी ने कोरोना पर जीत का दावा कर किया था साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि पूरी दुनिया कोरोना को कंट्रोल करने की वजह भारत की तरफ देख रही है लेकिन अब उसी भारत में स्थिति इतनी भयानक हो गई है कि प्रधानमंत्री मोदी को भी इसे ‘तूफान’ बताना पड़ा।
महामारी ने इतना भयानक रूप ले लिया है कि अब श्मशान में भी लम्बी लाइने हैं तो क़ब्रस्तानों में ज़मीन की कमी लगने लगी है। अस्पतालों में भी मरीज़ों को बगैर ऊपर पहुंच के भर्ती नहीं किया जा रहा है दौलत और पैसा कुछ काम नहीं आ रहा है जो लोग राजनीति में हैं या प्रशासन में पहुंच रखते हैं, उनके पास मदद के लिए लगातार फोन आ रहे हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ ने का कहना है कि जब भी फोन की घंटी बजती है, चिंता होने लगती है कि उधर से क्या कहा जाएगा। कोई हॉस्पिटल में बेड मांगेगा, कोई रेमडीसिविर कोई ऑक्सीजन और कोई जांच के लिए कहेगा। सच बताएं तो इस महामारी में सबकी जरूरतों को पूरा करना बहुत मुश्किल हो गया है।