शिंदे भाजपा के पपेट से ज्यादा कुछ हैसियत नहीं रखते
एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधानसभा में आज विश्वास मत प्राप्त करने के लिए ताल ठोकने वाले हैं लेकिन उसके पहले ही शिंदे ने कुछ ऐसे निर्णय ले लिए हैं जिससे पता चलता है कि शिंदे भाजपा के पपेट से ज्यादा कुछ हैसियत नहीं रखते जिस दिन उन्होने हुक्म उदूली की उसी दिन उन्हे बाहर कर दिया जायेगा विधानसभा का स्पीकर पद भाजपा ने अपने पास रख कर सारे पत्ते अपने साइड करना शूरू कर दिए हैं……
गुरुवार को शिंदे-फडणवीस ने शपथ लेने के तुरंत बाद मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में मुम्बई मेट्रो कार शेड को आरे के जंगल में फिर से लाने का फैसला किया
दरअसल मुंबई मेट्रो-3 परियोजना की शुरुआत 2014 में भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समय में हुई थी। यह परियोजना 2021 में पूरी होनी है। इसके लिए ही गोरेगांव के आरे कॉलोनी में कारशेड बनाने का फैंसला किया गया था, वहां काम भी शुरू हो चुका था। फडणवीस सरकार के दौरान रातों-रात हजारों की तादात में पेड़ों की बलि भी दे दी गई थी। उस समय वन्य प्रेमियों ने पेड़ों से चिपक कर आंदोलन किया था और यह आंदोलन कई दिनों तक चला था। बाद में यह मामला अदालत में भी गया, तब तक तत्कालीन फडणवीस सरकार अपना काम कर चुकी थी।
लेकिन उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री बने तब सरकार ने यहां पर मेट्रो कार शेड का काम रोक दिया और इस जगह पर वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक लैब या फिर वाइल्ड लाइफ रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर बनाने का फैसला किया था, ठाकरे सरकार ने बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स (बीकेसी) में प्रस्तावित बुलेट ट्रेन टर्मिनल के स्थान पर मेट्रो कारशेड बनाने की संभावनाएं तलाशने का निर्णय भी लिया था
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की जनता को संबोधित करते हुए साफ तौर पर कहा, “सरकार ने मेट्रो कार शेड 3 को आरे कॉलोनी में बनाने का फैसला लिया था, वह मैंने और मेरी सरकार ने इसलिए रद्द किया क्योंकि इस साइट पर केवल मेट्रो 3 का कार शेड ही बन रहा था और आने वाले वक्त में यहां पर जंगल की और जगह दूसरी लाइनों के लिए लगनी थी. लिहाजा इससे जंगल को बड़ा नुकसान होता इसलिए आरे कॉलोनी कार शेड को रद्द करने का फैसला लिया गया.”
उध्दव का यह निर्णय सही था क्योंकि आरे मुंबई का आखिरी बचा हुआ हरित क्षेत्र है। जो मुम्बई का ग्रीन लंग कहलाता है। आरे जंगल संजय गांधी नैशनल पार्क का हिस्सा है और समृद्ध जैव विविधता के जरिए मुंबई के पूरे इकोसिस्टम को सपॉर्ट करते हैं। एक इकोसिस्टम को तैयार होने में लगभग हजार साल का वक्त लगता है।……आरे के निवासी जिसमें अधिकतर वर्ली जनजाति के लोग शामिल हैं, मुंबई के सबसे पुराने निवासी कहे जाते हैं।
मुंबई में मेट्रो कारशेड के निर्माण के लिए आरे जंगल के फडणवीस सरकार ने कुछ दिन में ही 2700 पेड़ों काट दिए इस निर्णय का सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक में जमकर विरोध हुआ और कई बड़ी हस्तियां इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुई…….अब शिंदे के मुख्यमंत्री बनने पर एक बार फिर आरे का जंगल खतरे में आ गया है……
(यह लेख गिरीश मालवीय की फेसबुक वॉल से लिया गया है)
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