यमन और खाशुक़जी हत्याकांड पर अमेरिका और पश्चिमी जगत की जवाबदेही तय हो

गार्डियन ने अपने संपादकीय में यमन युद्ध और जमाल खाशुक़जी हत्याकांड पर लिखते हुए कहा किय इन मुद्दों पर बिन सलमान और सऊदी अरब के साथ साथ पश्चिमी जगत की भी ज़िम्मेदारी बनती है उनसे भी सवाल किया जाना चाहिए ।
बिन सलमान के माथे पर यमन युद्ध और जमाल खाशुक़जी हत्याकांड के बदनुमा कलंक हैं। इन घटनाओं पर अमेरिका की प्रतिक्रिया बहुत निराशाजनक थी जबकि ब्रिटेन का उस से भी बुरा हाल है।

2 अक्टूबर 2018 को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाण्जिय दूतावास गए खाशुक़जी को कुछ देर बाद ही टुकड़ों में बाँट कर मौत के घाट उतरा दिया गया था। सीआईए ने इस में बिन सलमान की भूमिका का उल्लेख किया था लेकिन बिन सलमान की पीठ ठोंकने वाले ट्रम्प ने कोई एक्शन नहीं लिया। बाइडन ने अपने चुनाव अभियान में बार बार कहा है कि सऊदी अरब को अपनी हरकतों की क़ीमत चुकाना होगी लेकिन वह भी सत्ता पाते ही लगता है अपनी लाइन और बातों से हट गए हैं।

 

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