अफ़ग़ानियों का करो नरसंहार, अमेरिकी रेडियो होस्ट की मांग

अफ़ग़ानियों का करो नरसंहार, अमेरिकी रेडियो होस्ट की मांग  अमेरिका के एक रेडियो होस्ट ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाके के बाद बेहूदा मांग करते हुए अफ़ग़ान नागरिकों के नस्लीय सफाये की मांग की है।

अफ़ग़ानियों के नरसंहार की मांग करने वाला यह अमेरिकी रेडियो होस्ट टॉड स्टार्न्स है जिस ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम धमाके में कुछ अमेरिकी सैनिकों समेत 170 से अधिक नागरिकों के मारे जाने के बाद ट्वीट करते हुए अफगान नागरिकों के नरसंहार की मांग की है।  हालाँकि टॉड स्टार्न्स ने बढ़ते विवाद और आलोचनाओं के बाद अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है।

काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आईएसआईएस के हमले में 170 से अधिक नागरिक मारे गए थे जिसमें 12 अमेरिकी सैनिक भी शामिल थे।

अमेरिकी टॉक शो होस्ट टॉड स्टार्न्स ने ट्वीट करते हुए कहा था कि मारे गए प्रत्येक अमरीकी नागरिक के बदले में अफगानिस्तान के एक शहर को नष्ट कर देना चाहिए।

काबुल हवाई अड्डे पर हुए विस्फोट के लिए टॉड स्टार्न्स ने अफ़ग़ान नागरिकों को दोषी ठहराते हुए उनके नरसंहार की मांग करते हुए ट्वीट किया था।

RT.com की न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार टॉड स्टार्न्स ने अफगान नागरिकों को इन हमलों के जिम्मेदार बताते हुए उनके नरसंहार की अपील की। लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि ट्विटर की ओर से ना तो उन पर कोई कार्यवाही की गई और ना ही उनके ट्वीट को डिलीट किया गया।

जबकि ट्विटर हिंसा को बढ़ावा देने के नाम पर प्रतिरधी दलों एवं अमेरिकी आतंक के खिलाफ आवाज उठाने वाले ट्विटर हैंडल को सस्पेंड करता रहा है।

अमेरिकी रेडियो होस्ट के इस ट्वीट के बाद उनकी आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया। जिसके बाद टॉड स्टार्न्स ने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया।

याद रहे कि इन हमलों से पहले ही अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने की अपील की थी। यहां तक कि तालिबान ने भी नाटो को चेतावनी देते हुए कहा था कि हवाई अड्डे के पास एकत्रित भीड़ को देखते हुए आतंकवादी किसी दुर्घटना को अंजाम दे सकते हैं और अमेरिका तथा घटक देश इस घटनाक्रम का प्रयोग तालिबान के खिलाफ कर सकते हैं।

याद रहे कि तालिबान और अमेरिका के बीच हुए समझौते के अनुरूप अमेरिका को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुला लेना है। तालेबान ने भी इस तिथि में कोई और मोहलत देने से इनकार करते हुए कहा कि अगर अमेरिका 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से बाहर नहीं निकलता तो उसको गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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