जनसंहार के हथियार के रूप में लोकतंत्र का इस्तेमाल कर रहा है अमेरिका

जनसंहार के हथियार के रूप में लोकतंत्र का इस्तेमाल कर रहा है अमेरिका चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते अपने तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में चीन की अनदेखी करते हुए ताइवान को बुलाए जाने से नाराज चीन ने अमेरिका पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

जनसंहार के हथियार के रूप में लोकतंत्र के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए चीन ने अमेरिका को आड़े हाथों लिया है। चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका विभाजन और टकराव को भड़काने के लिए लोकतंत्र को जनसंहार के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।

लोकतंत्र शिखर सम्मेलन की आलोचना करते हुए चीन ने बाइडन प्रशासन की जमकर निंदा की है। चीन ने कहा है कि अमेरिका चीन के बढ़ते प्रभाव और उसके उदय को रोकने तथा हमें अलग-थलग करने के लिए लोकतंत्र के नाम पर एक नया मोर्चा बना रहा है जो विभाजन और टकराव को भड़काने का काम करेगा तथा एक जनसंहार के हथियार के रूप में लोकतंत्र का प्रयोग किया जाएगा।

याद रहे कि अमेरिका की ओर से बुलाए गए लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के 100 से अधिक नेताओं ने भाग लिया जिसका मुख्य उद्देश्य निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने, भ्रष्टाचार से लड़ने में प्रगति का मूल्यांकन और मानव अधिकारों की रक्षा बताया गया था। अमेरिका ने इस सम्मेलन के लिए आमंत्रित देशों की सूची से रूस और चीन का नाम हटा दिया था लेकिन बीजिंग प्रशासित ताइवान को निमंत्रण दिया था जिसे चीन अखंड चाइना नीति का उल्लंघन मानता है। चीन ताइपे को चीनी मुख्य भूभाग का अभिन्न हिस्सा बताता है।

चीन विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर लोकतंत्र के नाम पर विभाजन का आरोप लगाया है। चीनी विदेश मंत्रालय और इस देश के वरिष्ठ अधिकारी पिछले कुछ सप्ताह से लगातार इस शिखर सम्मेलन के कारण अमेरिका को निशाने पर लिए हुए हैं। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि अमेरिका का शिखर सम्मेलन उथल-पुथल और आपदा के अलावा कुछ नहीं लाएगा। लोकतंत्र के नाम पर बंटवारे और टकराव को भड़काना अतीत में लौटने के समान है।

चीन ने अमेरिका को आड़े हाथोलेटे हुए कहा कि अमेरिका लंबे समय से अपनी राजनीतिक व्यवस्था और मूल्यों को अन्य देशों पर थोपता रहा है और तथाकथित लोकतांत्रिक सुधारों पर जोर देता है और एकतरफा प्रतिबंधों का दुरुपयोग करता रहा है। अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप के लिए लोकतंत्र अमेरिका का सबसे आसान बहाना है और एक जनसंहार का हथियार बन गया है। अमेरिका ने इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से वैचारिक रेखा खींची है और लोकतंत्र को एक हथियार के रूप में बदल दिया है।

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