ब्रिटेन , बेलारूस के दूतावास पर हमला, राजनयिक घायल

ब्रिटेन , बेलारूस के दूतावास पर हमला, राजनयिक घायल बेलारूस के ब्रिटेन में स्थित दूतावास पर हमले में एक राजनयिक के घायल होने की खबर आ रही है।

ब्रिटेन में बेलारूस के दूतावास पर हुए हमले में बेलारूस के राजनयिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिस पर नाराजगी जताते हुए बेलारूस ने अपने यहां मौजूद ब्रिटेन के उप राजदूत को तलब करते हुए इस घटना पर गहरी निराशा जताई है। ब्रिटेन में अपने दूतावास पर हुए हमले पर गहरी नाराजगी जताते हुए मिंस्क ने ब्रिटिश उप राजदूत को तलब करते हुए इस हमले की गहन जांच और इसके कारणों का पता लगाने की मांग की है।

बेलारूस ने कहा है कि उसके दूतावास पर हमला करते हुए लोगों के एक समूह ने इमारत के सामने के हिस्से को नुकसान पहुंचाया है। लोगों के झुंड ने उसके राजनयिकों पर भी हमला किया जिसमें एक राजनयिक गंभीर रूप से घायल हो गया है। बेलारूस के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी करते हुए कहा है कि रविवार शाम को लंदन में हुई घटना पर नाराजगी जताते हुए मिंस्क ने ब्रिटिश राजनयिक को तलब करते हुए दूतावास पर हमले की जांच की मांग की है।

मिंस्क विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सबसे पहले दूतावास की इमारत के सामने वाले एक हिस्से को लोगों के एक समूह ने क्षतिग्रस्त कर दिया और फिर घटनास्थल पर आए बेलारूस के राजनयिकों पर हमला किया। लोगों के झुंड के हमले में राजनयिकों में से एक को गंभीर चोट आई है। जिन्हें तत्काल चिकित्सा की जरूरत पड़ी इस हमले में उनकी नाक की हड्डी टूट गई तथा दांतों में भी फ्रैक्चर हुआ है। बेलारूस दूतावास पर हमले के बाद घटनास्थल से भागने का प्रयास कर रहे हैं कुछ लोगों को मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने हिरासत में लिया है। कहा जा रहा है कि यह हमलावर ब्रिटेन में रह रहे बेलारूस के अप्रवासी समूह का हिस्सा है।

याद रहे कि यूरोपीय यूनियन के साथ बेलारूस के संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को यूरोप का आखिरी तानाशाह भी कहा जाता है। यूरोप में उनकी सरकार की नीतियों की वजह से प्रवासी संकट ने सर उभारा है। उन्होंने बेलारूस पौलेंड और लिथुआनिया से लगने वाली सीमा पर हजारों प्रवासियों को इकट्ठा किया था। कहा जा रहा है कि लुकाशेंको अपनी इस नीति के कारण देश पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के लिए यूरोपीय यूनियन पर दबाव बनाना चाहते हैं लेकिन यूरोपीय यूनियन ने बेलारूस पर लगे प्रतिबंध कम करने के बजाए इस देश के साथ लगने वाली सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी। ब्रिटेन ने भी 1 सप्ताह पहले ही बोल एंड्राइड लुधियाना में अपने सैनिकों को तैनात किया था।

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