भारत से इस तालिबान नेता का है ख़ास रिश्ता, देहरादून में था कैडेट अफ़ग़ानिस्तान में एक बार फिर, दो दशक बाद तालिबान की वापसी हो गई है।
भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों को लेकर तालिबान की वापसी के साथ ही अटकलों का दौर जारी है लेकिन भारत सरकार फिलहाल इंतजार करो की नीति पर चलते हुए चुप्पी साधे हुए है।
भारत को लेकर तालिबान के एक कमांडर अलग-अलग बयान दे चुके हैं। भारत से खास रिश्ता रखने वाले तालिबान के कतर में डिप्टी हेड शेर मोहम्मद अब्बास का हाल ही में दिया गया बयान भारत को लेकर तालिबान के संबंधों को नए आयाम देता है।
भारत से तालिबान के वरिष्ठ नेता का खास रिश्ता है। तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास उर्फ शेरू ने देहरादून स्थित है आईएमए में सैन्य ट्रेनिंग ली है।
शेर मोहम्मद ने कहा है कि तालिबान पहले की तरह ही भारत के साथ सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक तथा व्यापारिक रिश्ते बनाए रखने का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ काम करने पर विचार कर रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दोहा में तालिबान कार्यालय के डिप्टी हेड शेर मोहम्मद ने अफगानिस्तान के नेशनल टीवी पर बात करते हुए भारत और तालिबान के रिश्ते पर अपना पक्ष रखा । नका बयान इसलिए भी अहम हो जाता है कि काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद यह किसी शीर्ष तालिबानी लीडर का पहला आधिकारिक बयान है।
शेर मोहम्मद अब्बास ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में भारत का स्थान बेहद महत्वपूर्ण है। हम भारत के साथ सांस्कृतिक ,आर्थिक एवं व्यापारिक रिश्ते बनाए रखना चाहेंगे। हम भारत के साथ अपने रिश्ते को महत्व देंगे। उन्हें मजबूत बनाए रखेंगे।
याद रहे कि भारत में यूएनएससी में अफगानिस्तान मसले पर चर्चा के बाद बयान जारी करते हुए कहा था कि तालिबान ना तो किसी आतंकी समूह का समर्थन करे और ना ही अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में होने दे।
बता दें कि कतर में तालिबान के डिप्टी शेर मोहम्मद ने 1980 के दशक में अफ़गान आर्मी कैडेट के रूप में देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी में प्रशिक्षण लिया था। हालांकि 1996 में काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद उन्होंने कार्यवाहक सरकार में विदेश मंत्री का पदभार संभाला था।