यमन में जारी मानवीय संकट और सऊदी अतिक्रमण के बीच यमन जनांदोलन को अमेरिका की ओर से आतंकी समूह की लिस्ट में डाले जाने से नाराज़ यमन की जनता सड़कों पर उत्तर आयी और अमेरिका के खिलाफ रोष प्रकट किया।
यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह को ट्रम्प सरकार ने सत्ता से जाते जाते आतंकवादी समूह की लिस्ट में डाल दिया जिस पर दुनिया भर में तीखी प्रतिक्रिया हुई। अमेरिका की सत्ता संभालने वाले बाइडन प्रशासन ने हालाँकि ट्रम्प की नीतियों में बदलाव की बात करते हुए यमन को लेकर भी उनके निर्णय को बदलने के संकेत दिए हैं लेकिन ट्रम्प के इस निर्णय से यमन में अमेरिका के खिलाफ उमड़ा जनाक्रोश अभी तक कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
एक बार फिर यमन के सबसे बड़े शहर सअदा में यमनवासी अंसारुल्लाह के समर्थन में अमेरिका के खिलाफ सड़कों पर उमड़ आये और इस जनांदोलन को अपने समर्थन का ऐलान करते हुए अमेरिकी निर्णय की जमकर आलोचना की।
अल मसीरा की रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ सअदा ही नहीं यमन के सभी प्रांतो में एक ही समय अमेरिका के विरुद्ध अंसारुल्लाह के समर्थन में विशाल प्रदर्शन हुए।
सअदा वासियों ने यमन के खिलाफ जारी हमलों में अमेरिका की मुख्य भूमिका की बात करते हुए कहा कि सऊदी अरब का सबसे अहम् रणनीतिक, राजनैतिक एवं सैन्य साझीदार अमेरिका है, यमन में जारी जनसंहार एवं नस्लीय सफाये का ज़िम्मेदार है।