मोज़ाम्बिक, हिंसा में जलता बचपन, 30 हज़ार से अधिक फरार
हिंसा और बग़ावत की मार झेल रहा मोज़ाम्बिक छोटे बच्चों के लिए किसी जहन्नम की तरह हो गया है. यहाँ फैली हिंसा मे बच्चों को मुख्यरूप से निशाना बनाया जा रहा है.
उत्तर पूर्वी मोज़ाम्बिक में हिंसा की ताज़ा घटनाओं के बीच यहाँ से बच्चों के भागने का सिलसिला तेज़ हो गया है. रिपोर्ट के अनुसार पूर्वोत्तर मोज़ाम्बिक में हिंसा की नई लहर के कारण अकेले जून माह में 30,000 से अधिक बच्चे अपने घरों और इलाक़ों से भागने पर मजबूर हुए हैं.
2017 में शुरू हुए विद्रोह में अभी तक हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग घरों को छोड़ कर दर बदर भटक रहे हैं. गैर सरकारी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रेन’ की रिपोर्ट के मुताबिक़ अकेले जून महीने में 30,000 से अधिक बच्चे अपने घरों और इलाक़ों से भागने पर मजबूर हुए हैं. 2017 में संकट शुरू होने के बाद एक महीने में अपना घर और इलाक़ा छोड़ने वालों की यह सबसे बड़ी तादाद है.
मोज़ाम्बिक का काबो डेलगाडो प्रांत मुस्लिम बहुल है और यहाँ पिछले 5 साल से चरमपंथी और आतंकी संगठनों ने हिंसा का बाजार गर्म कर रखा है. जून में ही आतंकी संगठनों के हमले में 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है जबकि 33 हज़ार बच्चों समेत 60 हज़ार से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
काबो डेलगाडो में फैले संघर्ष और हिंसा के पीछे इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकवादी बताए जा रहे हैं. गैस की दौलत से मालामाल यह इलाक़ा तंज़ानिया की सीमा से लगा है. हालाँकि सेव द चिल्ड्रेन’ ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया है कि इन हमलों के पीछे कौन है. अपना घर बार छोड़ कर आने वाले लोगों ने काबो डेलगाडो प्रांत में आतंकियों के ज़ुल्म की दर्दनाक कहानी बयान की है.
सेव द चिल्ड्रेन से बता करते हुए एक माँ ने कहा कि उनके बेटे का सर उनके सामने क़लम कर दिया गया. उन्होंने कहा, “उस रात हमारे गाँव पर हमला हुआ था और हमारे घर जला दिए गए थे. जब यह सब शुरू हुआ, मैं अपने चार बच्चों के साथ अपने घर पर थी. हमने जंगलों में भागने की कोशिश की, लेकिन वह हमारे बड़े बच्चे को उठाकर ले गए और उसका सर क़लम कर दिया. हम कुछ नहीं कर पाए हम कुछ करते तो हम भी मारे जाते.