इज़रायल में नेतन्याहू के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन

इज़रायल में नेतन्याहू के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन

तेल अवीव समेत इज़रायल के विभिन्न शहरों में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। प्रदर्शनकारियों ने ग़ाज़ा में बंदियों की रिहाई के लिए हमास के साथ समझौता करने की मांग की। साथ ही, उन्होंने विश्व बाल दिवस के अवसर पर नाबालिग बंदियों की दुर्दशा पर भी ध्यान केंद्रित किया।

टाइम्स ऑफ इज़रायल की रिपोर्ट के अनुसार, ग़ाज़ा में बंदी ओहदिया हलोमी की पत्नी और पूर्व बंदी एतान याहलूमी की मां बेट शीवा हलोमी ने तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर में आयोजित सभा में भाषण दिया। उन्होंने कहा कि 52 दिनों तक कैद में रहने के बाद रिहा हुए उनके बेटे एतान, जो वर्तमान में बुरे सपनों और बाल झड़ने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, केवल तभी मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं जब उनके पिता और अन्य बंधकों की रिहाई हो जाए।

ओफरी बीबास, जिनके भाई यार्डन बीबास, उनकी पत्नी शिरी और उनके बच्चे एरियल और केफीर अभी भी ग़ाज़ा में बंदी हैं, ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सरकार से भावुक अपील की। उन्होंने कहा, “आप कहते हैं कि एरियल और केफीर हमारे बच्चे हैं, लेकिन आप यह भी नहीं जानते कि वे कहां हैं, उन्होंने क्या खाया, क्या वे स्वस्थ और सुरक्षित हैं, या यहां तक कि वे जीवित भी हैं या नहीं।”

शनिवार को तेल अवीव के बेगिन रोड पर प्रदर्शनकारियों और विरोधियों के बीच झड़प की खबरें भी सामने आईं। प्रदर्शनकारियों ने गाजा में युद्ध को तुरंत समाप्त करने और बंदियों के आदान-प्रदान समझौते पर हस्ताक्षर करने की मांग की। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग के निवास के सामने भी इकट्ठा होकर अपनी नाराज़गी जाहिर की।

बंधकों के परिवारों ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, “नेतन्याहू को हमारे बच्चों की कोई चिंता नहीं है। कैबिनेट इस मुद्दे पर बात करने से भी बच रही है।” उनका यह भी कहना था कि अब तक बंदियों की वापसी के लिए कोई ठोस राजनीतिक कदम नहीं उठाया गया है।

तेल अवीव के अलावा रेहोवोट, हाइफा, रानाना और यरुशलम जैसे शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें बंदियों की रिहाई और हमास के साथ समझौते की मांग की गई। गौरतलब है कि ग़ाज़ा युद्ध में सैन्य सफलता हासिल न कर पाने के कारण नेतन्याहू और उनकी युद्ध कैबिनेट की आलोचना तेज हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू पर जनता की भावनाओं और इच्छाओं के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।

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