केन्या ने यूरोप ह्यूमन राइट्स कोर्ट में इंग्लैंड के खिलाफ मुक़दमा ठोंका

केन्या ने यूरोप ह्यूमन राइट्स कोर्ट में इंग्लैंड के खिलाफ मुक़दमा ठोंका

केन्या ने इंग्लैंड से मुआवज़ा पाने के लिए यूरोप ह्यूमन राइट्स कोर्ट में मुक़दमा दायर किया है. केन्या पर ब्रिटेन के क़ब्ज़े के दौरान ब्रिटिश अत्याचार और ज़ुल्म की भेंट चढ़ने वाले केन्या के लोगों के कई ग्रुप्स ने मुआवज़ा पाने के लिए ब्रिटेन के खिलाफ यूरोप ह्यूमन राइट्स कोर्ट में मुक़दमा दायर किया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केन्या पर क़ब्ज़े के दौरान इस देश के लोगों के खिलाफ ब्रिटेन के ज़ुल्मों अत्याचार और
उन्हें ज़बरदस्ती उनके देश से और उनकी ज़मीन से बेदखल करने के संबंध में यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय में इंग्लैंड के खिलाफ शिकायत दर्ज की है.

केन्याई लोगों के इस समूह के वकील का कहना है कि जब जब ब्रिटिश राज में लोगों के साथ हुए ज़ुल्मो सितम का मुद्दा उठाया गया है इंग्लैंड ने इस पर चर्चा करने से भी जान छुड़ाई है इस लिए हम ने मजबूरीवश इस मुद्दे को ह्यूमन राइट्स कोर्ट में उठाने का फैसला लिया है.

इस शिकायत में केन्या के मूल निवासियों को उनकी जायदाद से बेदखल करना, उन पर ज़ुल्मो सितम को आधार बनाया गया है. केन्या के तलाई और किप्सिगिस जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील बॉस्क ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि ब्रिटिश सरकार ने “मुआवजे देने के हर संभव तरीके से परहेज किया है” इसी कारण केन्याई लोगों का यह समूह अदालत का रुख करने के लिए मजबूर हुआ है.

बता दें कि केन्या के किरिचो इलाक़े में रहने वाली “तलाई” और “किप्सिगिस” जनजातियों को ब्रिटिश काल में बेहद उत्पीड़न और ज़ुल्म का सामना करना पड़ा था. 20वीं सदी की शुरुआत में इन लोगों को किरिचो क्षेत्र के आसपास की उनकी पुश्तैनी ज़मीन से खदेड़ दिया गया था. ब्रिटिश अत्याचारों से पीड़ित इन लोगों की संख्या 100,000 से अधिक है. 2019 में इन जनजातियों ने संयुक्त राष्ट्र में ऑनलाइन याचिका के माध्यम से ब्रिटिश शासन से अपने अपराधों के लिए माफी और मुआवज़ा देने की मांग की थी.

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