जर्मनी, इटली ने फर्मों को रूसी गैस के लिए रूबल में भुगतान करने की अनुमति दी

जर्मनी, इटली ने फर्मों को रूसी गैस के लिए रूबल में भुगतान करने की अनुमति दी

सूत्रों ने आज शुक्रवार को बताया कि जर्मनी और इटली ने कंपनियों से कहा है कि वे यूरोपीय संघ के साथ चर्चा के बाद मास्को के खिलाफ प्रतिबंधों का उल्लंघन किए बिना रूसी गैस खरीदने के लिए रूबल खाते खोल सकते हैं।

रूस की इस मांग पर बहस कि विदेशी खरीदार गैस के लिए रूबल में भुगतान करते हैं ने यूक्रेन में युद्ध को लेकर मास्को के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के यूरोपीय सरकारों के संकल्प का परीक्षण किया है। पोलैंड, बुल्गारिया और फ़िनलैंड ने मास्को की उस मांग का पालन करने से इनकार कर दिया है कि आयातक गज़प्रॉमबैंक के साथ रूबल खातों के माध्यम से गैस का भुगतान करते हैं और उनकी आपूर्ति में कटौती की गई है।

इटली ने कहा है कि वह अब यूरोपीय कंपनियों की ओर से रूस से प्राकृतिक गैस के लिए रूसी मुद्रा रूबल में भुगतान करने का विरोध नहीं करेगा। इटली के मुख्य ऊर्जा आपूर्तिकर्ता एनी ने गुरुवार को कहा कि वह इस महीने रूसी गैस कंपनी गजप्रोम को रूबल में भुगतान करेगा। रूसी गैस को लेकर यूरोपीय देशों में फूट पड़नी शुरू हो गई है।

अपनी जरूरत की लगभग आधी गैस रूस से आयात करने वाले जर्मनी ने कहा है कि वह रूस के गजप्रोम बैंक में विशेष खाता खोल सकता है। इस खाते में यूरो या डालर जमा करके उसे रूसी मुद्रा रूबल में बदलवाया जा सकेगा। जर्मनी के अनुसार इस प्रकार से यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंध भी कायम रहेंगे और गैस मूल्य का रूबल में भुगतान भी संभव हो जाएगा।

बता दे कि बुधवार को रूस ने गैस मूल्य का रूबल में भुगतान न करने पर पोलैंड और बुल्गारिया की गैस आपूर्ति रोक दी है। रूस ने इसका कारण दोनों देशों द्वारा गैस मूल्य का भुगतान रूसी मुद्रा रूबल में न करने को बताया है। रूस ने गैर मित्र देशों से अपनी गैस और तेल का मूल्य रूबल में लेने का एलान किया है। पोलैंड और बल्गारिया ने रूसी ऊर्जा एजेंसी गजप्रोम पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

 

 

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