नाटो ने मोर्चा खोला, यूक्रेन को मिलेंगे मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम और एंटी टैंक हथियार
यूक्रेन और रूस के बीच होने वाले युद्ध में अब नाटो भी सक्रिय हो गया है।
नाटो ने रूस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए यूक्रेन को मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम और एंटी टैंक हथियार देने की घोषणा की है। वहीं नाटो की हवाई सीमाक्षेत्र की रक्षा के नाम पर नाटो के युद्धक विमानों ने भी उड़ाने भरना शुरू कर दी हैं।
यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूस पर लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है। तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर खड़ी दुनिया के सामने एक बार फिर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के माहौल में अब नाटो भी अधिकारिक रूप से खुलकर रूस के विरुद्ध खड़ा हो गया है।
नाटो ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह रूस के विरुद्ध युद्ध में यूक्रेन को एयर डिफेंस मिसाइल और एंटी टैंक हथियार देगा। नाटो के चीफ जेंस स्टोल्टनबर्ग ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमने इस संबंध में यूक्रेन के राष्ट्रपति से चर्चा की है। हम जल्दी ही एंटी टैंक हथियार और एयर डिफेंस मिसाइल यूक्रेन को उपलब्ध कराएंगे।
I just spoke with President @ZelenskyyUa & commended him for the bravery of the people & armed forces of #Ukraine. #NATO Allies are stepping up support with air-defence missiles, anti-tank weapons, as well as humanitarian & financial aid.
— Jens Stoltenberg (@jensstoltenberg) February 28, 2022
नाटो प्रमुख ने एक अन्य ट्वीट में खबर देते हुए कहा कि उन्होंने अन्य देशों के नेताओं से भी बातचीत की है। रूस और यूक्रेन के बाद उत्पन्न हुई स्थिति के बारे में उन्होंने लिथुआनिया के राष्ट्रपति से बातचीत की है। नाटो ने बाल्टिक देशों में अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने का फैसला किया है। नाटो प्रमुख ने रूस को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि हम अपने सहयोगी देशों की एक-एक इंच भूमि की रक्षा करेंगे।
नाटो की ओर से यूक्रेन को सहायता देने के ऐलान के बाद रूस ने भी न्यूक्लियर ड्रिल शुरू कर दी है। रशियन मीडिया के हवाले से खबर आ रही है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने परमाणु दस्ते को तैयार रहने का आदेश दिया है।
रूस यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र ने खबर देते हुए कहा है कि यूक्रेन से अब तक 500000 से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायोग की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने कहा है कि 281000 लोग पोलैंड जबकि 84500 लोग हंगरी और 36400 लोग मोल्दोवा पहुंच चुके हैं। स्लोवाकिया में लगभग 30000 लोग पहुंच रहे हैं जबकि रोमानिया में पहुंचने वाले लोगों की संख्या 32500 से अधिक है।