यूरोप में बढ़ता इस्लामोफोबिया, जर्मनी में मस्जिदों पर 800 से अधिक हमले
यूरोप के फ्रीडम ऑफ़ स्पीच और सभी धर्मों के अनुसार आज़ादी से ज़िंदगी गुज़ारने के दावों के बीच यहाँ इस्लामोफोबिया के मामलों में तेज़ी आई है.
एक ह्यूमन राइट्स सेंटर की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार अकेले जर्मनी में 2014 से अब तक 800 से अधिक मस्जिदों को हमलों का निशाना बनाया गया है. खेद की बात यह है कि मस्जिदों और मुसलमानों के खिलाफ बढ़ते अपराध के बाद भी जर्मन सरकार ने इन मामलों पर विशेष ध्यान नहीं दिया है.
डेली सबाह अखबार ने ब्रैंड लीग ह्यूमन राइट्स सेंटर की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि 2014 और 2022 के बीच, जर्मनी में मस्जिदों के खिलाफ अपराध के लगभग 840 मामले सामने आए हैं. इस में मस्जिद में तोड़फोड़ और हमलों की धमकी भी शामिल है.
2018 में अपराधों के विस्तृत विश्लेषण से पता चला है कि आधे से अधिक अपराधियों के बारे में कुछ पता ही नहीं चल सका है. मुसलमानों और मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर यह हमले अधिकतर नव-नाज़ियों या वामपंथी चरमपंथियों की ओर से किये जा रहे हैं.
ब्रैंड लीग ह्यूमन राइट्स सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2018 में मस्जिदों पर हुए हमलों की संख्या 120 से अधिक है जिसमे से सिर्फ 9 मामलों में अपराधियों का पता लगाया गया. कहने को तो पुलिस ने हर घटना के बाद घटनास्थल पर पहुँचने में बहुत तेज़ी दिखाई और तत्काल जाँच भी शुरू कर दी लेकिन आज तक किसी भी घटना के अपराधी की पहचान उजागर हुई न अपराधियों को दण्डित किया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन हमलों के पीछे वामपंथी, दक्षिणपंथी चरमपंथी और नव-नाज़ी समूह रहे हैं। हाल हालिया वर्षों में जर्मनी में नस्लवाद और मुस्लिम विरोधी घृणा में इज़ाफ़ा हुआ है जिसके पीछे नव नाज़ी और दक्षिणपंथी चरमपंथी गुटों के साथ साथ जर्मनी की AFD पार्टी का हाथ है.