यूरोप हो जाएगा बंजर, पुतिन करेंगे दुनिया पर राज, बाबा वेंगा फिर चर्चा में
दुनिया भर में घटित हुई महत्वपूर्ण घटनाओं की सही भविष्यवाणी करने वाले बाबा वेंगा इस बार फिर चर्चा में हैं।
यूरोप, और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर की गई बाबा वेंगा की भविष्यवाणी की एक बार फिर चर्चा हो रही है। माना जाता है कि बाबा वेंगा द्वारा की गई भविष्यवाणियां 85% तक सही साबित हुई हैं। उन्हें बाल्कन के नास्त्रेदमस के नाम से भी जाना जाता है।
बाबा वेंगा ने यूरोप को लेकर कहा था कि यूरोप एक बंजर भूमि बन जाएगा जबकि रूस दुनिया का स्वामी बन जाएगा और व्लादीमीर पुतिन एक दिन दुनिया पर राज करेंगे। बाबा वेंगा का जन्म 1911 में हुआ था। एक बड़े तूफान में 11 साल की उम्र में रहस्यमय तरीके से अपनी दृष्टि खोने का दावा करते हुए उन्होंने कहा था कि भगवान ने उसके बाद उन्हें एक बहुत ही दुर्लभ उपहार दिया जिसके माध्यम से वह भविष्य को आसानी से देख सकते हैं।
पुतिन के लिए एक संभावित संदर्भ में भविष्यवाणी करते हुए बाबा वेंगा ने कहा था कि बर्फ की तरह सब कुछ पिघल जाएगा। केवल एक ही अछूता रहेगा। वह व्लादीमीर की शान, रूस की शान। बाबा वेंगा ने कहा था कि रूस को कोई नहीं रोक सकता।
यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को देखते हुए एक बार फिर उनकी भविष्यवाणी सही होती प्रतीत हो रही है। रूस ने यूक्रेन में कहर बरपा रखा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर की ताकत को दुनिया देख रही है और अब इस बात की अटकलें शुरू हो गई हैं कि क्या एक बार फिर रूस दुनिया का सुल्तान बनने वाला है।
यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के दौरान सोशल मीडिया पर बुल्गारिया के अंधे फकीर बाबा वेंगा की भविष्यवाणी वायरल हो रही है। बाबा वेंगा की मृत्यु 1996 में हुई थी। कहा जाता है कि उन्होंने 5079 तक चलने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी की थी। उनका कहना था कि उस साल दुनिया खत्म हो जाएगी।
बराक ओबामा के राष्ट्रपति चुने जाने से लेकर 2004 में थाईलैंड सुनामी, चेर्नोबिल परमाणु आपदा, राजकुमारी डायना की मृत्यु एवं सोवियत संघ के विघटन को लेकर उनकी भविष्यवाणियां सटीक साबित हुई है। भारत के बारे में भविष्यवाणी करते हुए बाबा ने कहा था कि यहां तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो जाएगा जिस कारण फसलों पर टिड्डियों का हमला होगा और अकाल जैसे हालात उत्पन्न हो जाएंगे।
उन्होंने कहा था कि 2022 में दुनिया के एक बड़े शहर में पेयजल की कमी का प्रभाव देखने को मिलेगा। प्रदूषण के चलते नदियों में पानी कम हो जाएगा। लोग पहले के मुकाबले स्क्रीन पर अर्थात कंप्यूटर और मोबाइल पर अधिक समय व्यतीत करेंगे।