दक्षिण कोरिया में कोरोना का कहर, 80% आईसीयू भरे

दक्षिण कोरिया में कोरोना का कहर, 80% आईसीयू भरे कोरोना वायरस ने दक्षिण कोरिया में कहर मचा दिया है।

दक्षिण कोरिया में कोरोना वैश्विक महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद पहली बार एक दिन में 5 हज़ार से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं।

कोरोना के क़हर से पीड़ित दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस से बेकाबू हुए हालात का अंदाजा लगाने के लिए इतना ही काफी है कि यहां एक ही दिन में 80 फीसद आईसीयू बीएड भर गए हैं। संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के साथ ही अस्पतालों में जगह को लेकर देशभर में नई चिंता ने जन्म ले लिया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ सोशल डिस्टेंस बनाए रखने जैसे कड़े नियमों को लेकर फिर से अपील कर रहे हैं। वैश्विक महामारी के कारण अर्थव्यवस्था के बुरी तरह प्रभावित होने के बाद पिछले महीने ही दक्षिण कोरिया में इन नियमों में ढील दी गई थी। कोरिया रोग नियंत्रण एवं रोकथाम एजेंसी ने खबर देते हुए कहा है कि देशभर में मिले 5123 नए मामलों में सर्वाधिक मामले राष्ट्रीय राजधानी सियोल और उसके आसपास के क्षेत्रों से सामने आए हैं। यहां कोरोना को लेकर हालात इतने गंभीर है कि पहले से ही अस्पतालों के आरक्षित आईसीयू के 80 फीसद से अधिक बेड भर चुके हैं।

हेल्थ सिस्टम इन कोरिया नामक एजेंसी ने बताया कि कोरोना के कारण हालात बेहद संगीन है। 720 से अधिक मरीजों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। प्रतिदिन 30 से 50 लोगों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो रही है। अब तक कोरोना की भेंट चढ़ने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3658 हो गई है।

कोरिया स्वास्थ्य विभाग के अनुसार नाइजीरिया से हाल ही में वापस आए एक कपल की स्वास्थ्य अधिकारी जिनोम सीक्वेंसिंग कर रहे हैं ताकि निश्चित किया जा सके यह कपल कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से पीड़ित है या नहीं। हालांकि दक्षिण कोरिया ने अभी तक आधिकारिक रूप से ओमीक्रॉन की पुष्टि नहीं की है लेकिन देश में अचानक बढ़ते कोरोना के प्रकोप के पीछे इस वेरिएंट के होने की आशंका जताई जा रही है।

कोरोनावायरस के इस नए स्वरूप का सबसे पहला मामला कहने को तो दक्षिण अफ्रीका में सामने आया है लेकिन कहा जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीका से पहले ही यह वायरस यूरोप में फैलना शुरु हो गया था। नीदरलैंड के आरआईवीएम स्वास्थ्य संगठन ने 19 और 23 नवंबर के सैंपल में ओमीक्रॉन मिलने की पुष्टि की है।

नीदरलैंड्स से आयी इस खबर ने एक बार फिर दुनिया में गंभीर चिंता की लहर दौड़ा दी है क्योंकि दुनिया भर में इस नए वेरिएंट से बचने के उपाय तभी शुरू हुए थे जब दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि की थी जबकि इस बात की प्रबल संभावना है कि अब तक यूरोप के माध्यम से यह वेरिएंट दुनिया भर में फैले चुका होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles