चीन: लगता है अमेरिका ने अफगानिस्तान में सबक नहीं सीखा
जैसे-जैसे अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी की वर्षगांठ नजदीक आ रही है इसी बात की तरफ निशाना साधते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अन्य देशों के खिलाफ अमेरिका की हस्तक्षेपवादी नीतियों की आलोचना की है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पत्रकारों के साथ दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एक साल पहले अमेरिकी सेना ने काबुल से जल्दबाजी में अफगानिस्तान पर अपने 20 साल के आक्रमण को समाप्त कर दिया था। अफगानिस्तान में अमेरिका के अपमान को संदर्भित करने के लिए काबुल घटना अब एक कीवर्ड बन गया है।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के जाने के बाद तालिबान समूह ने पिछले साल काबुल शहर पर कब्ज़ा कर लिया था। विश्लेषकों का मानना है कि तालिबान बलों का आगमन संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए 20 साल के प्रयासों के अंत के रूप में पश्चिमी दुनिया के लिए वांछनीय है।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों और इस देश के सहयोगियों की वापसी की प्रक्रिया तब शुरू हुई जब फरवरी 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौता हुआ था। संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य नाटो सदस्य देशों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में उसी वर्ष के 11 सितंबर के हमलों के जवाब में 2001 में अफगानिस्तान पर एक सैन्य हमला शुरू किया और तब से अफगानिस्तान में उनकी सैन्य उपस्थिति और कब्जा जारी है।
अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी वर्तमान में चीन के इस दृढ़ विश्वास को पुष्ट करती है कि अमेरिका टर्मिनल गिरावट में है। ऐसे समय में जब चीन अंतर्राष्ट्रीय शासन के पश्चिमी मॉडल के विकल्प की पेशकश कर रहा है तो अमेरिका की वापसी को चीन में एक महान वैचारिक जीत के रूप में देखा जाता है।हालाँकि चीन के लिये शिनजियांग अलगाववादी समूहों को संभावित तालिबान समर्थन एक प्रमुख चिंता का विषय है।