सिखों और हिंदुओं समेत 20 हज़ार अफ़ग़ान लोगों का पुनर्वास करेगा कनाडा

सिखों और हिंदुओं समेत 20 हज़ार अफ़ग़ान लोगों का पुनर्वास करेगा कनाडा तालिबान आतंकियों के अत्याचार से पीड़ित होकर अफगानिस्तान से पलायन करने वाले लोगों को कनाडा अपने यहां शरण देगा।

सिखों और हिंदुओं समेत कनाडा सरकार 20,000 अफगानी नागरिकों को पुनर्वास के लिए स्वीकार करेगी। अफगानिस्तान में तालिबान और सरकारी बलों के बीच जारी संघर्ष एवं देश के प्रमुख हिस्सों पर तालिबान के नियंत्रण के बाद कनाडा ने यह फैसला लिया है।

कनाडा सरकार की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि दुनिया भर में हमारी टीम अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए 24 घंटे काम कर रही है।

कनाडा सरकार के इमीग्रेशन मिनिस्टर मार्को मेडिसिनो ने कहा कि हम अफगान शरणार्थियों की मदद करने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना कर रहे हैं हम 20000 अफगान शरणार्थियों की मदद करने का प्रयास कर रहे हैं जो जहां भी जाते हैं वहीं असुरक्षित रहते हैं।

अफगानिस्तान के हालात दिल दहला देने वाले हैं और ऐसे हाल में कनाडा सुस्ती नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि कनाडा सरकार सिखों हिंदुओं एवं उत्पीड़ित अफगान नागरिकों को फिर से बसाने के लिए मनमीत सिंह भुल्लर फाउंडेशन के साथ अपने साझेदारी को और बढ़ा रही है।

आपको बता दें कि कनाडा में अफ़ग़ान सिख और हिंदू परिवारों को फिर से बसाने के लिए भारत कनाडाई समुदाय के समर्थन से 2014 में अल्बर्टा के दिवंगत मंत्री मनमीत सिंह भुल्लर द्वारा इस फाउंडेशन की शुरुआत की गई थी।

मनमीत सिंह भुल्लर 2015 में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए थे। उस समय उनकी आयु 35 वर्ष थी।

यह फाउंडेशन पहले भी अफगानिस्तान से दर्जनों हिंदुओं एवं सिख परिवारों को कनाडा लाकर बसा चुका है। 1990 के दशक के मध्य में अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण करने से पहले तक इस देश में 200000 से अधिक सिख एवं हिंदू रहते थे जिन्हें तालिबान शासन में देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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